ICU में सीवर का पानी, 24 घंटे में 53 बच्चे डेंगू के शिकार, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भोपाल की घटना के बाद ग्वालियर प्रशासन कितना अलर्ट है इसका अंदाजा बच्चोंके ICU को देखकर लगाया जा सकता हैं जिसमें सीवर का पानी भर रहा है जिसके कारण SNCU चार दिन से बंद पड़ी है। आलम ये है कि ग्वालियर में डेंगू पीड़ित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है जिसमें बच्चे बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों करें तो पिछले चौबीस घंटे में 53 बच्चे (18 साल से कम उम्र वाले) डेंगू से प्रभावित सामने आये हैं।

ICU में सीवर का पानी, 24 घंटे में 53 बच्चे डेंगू के शिकार, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल

राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में कमला नेहरु अस्पताल के बच्चों के वार्ड में लगी आग ने नौनिहालों की जान ले ली। हालाँकि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की बदौलत बड़ी संख्या में बच्चों की जान भी बचाई गई। लेकिन इस घटना ने ना सिर्फ अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े किये बल्कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर भी सवाल खड़े किये हैं।

ICU में सीवर का पानी, 24 घंटे में 53 बच्चे डेंगू के शिकार, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं और सख्त लहजे में कहा है कि दोषी कोई भी हो बक्शा नहीं जायेगा।  उधर प्रदेश के सभी अस्पतालों के लिए फायर ऑडिट के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।  मगर इस बीच सवाल उठ रहा है कि अस्पतालों में जो बुनियादी सुविधाएँ होनी चाहिए उसकी देखरेख की जिम्मेदारी किसकी है।

ICU में सीवर का पानी, 24 घंटे में 53 बच्चे डेंगू के शिकार, स्वास्थ्य विभाग पर सवाल

पिछले चौबीस घंटे में 53 बच्चे डेंगू पॉजिटिव

ग्वालियर की बात की जाये तो यहाँ इस समय डेंगू का प्रकोप है।  मरीजों का आंकड़ा रोज बढ़ रहा है, ये 1934 हो गया है , बड़ी बात ये है कि इसमें बच्चों की संख्या अधिक है पिछले चौबिक घंटों की ही बात कर ली जाये तो ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग ने 180 सेंपल की जाँच की जिसमें 93 डेंगू पीड़ित सामने आये इसमें ग्वालियर के 79 मरीज मिले जिसमें से 53 मरीज बच्चे हैं जिनकी उम्र 18 साल से कम है।  शेष मरीज भिंड, मुरैना और उत्तर प्रदेश के हैं। उधर डेंगू से मरने वालों की  हो गई है।

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SNCU में घुस रहा सीवर का पानी

अब बात करते हैं मासूमों की।  जिला अस्पताल मुरार से चंद कदम की दूरी पर स्थित मुरार प्रसूति गृह परिसर में बना  सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) पिछले चार दिन से सिर्फ इसलिए बंद है कि वार्ड में सीवर क अपनी घुस रहा है।  इसमें न्यू बोर्न बच्चों को रखा जाता है लेकिन इसपर इस समय ताला डला है। SNCU के एक कमरे में कम गंभीर 6 बच्चों को रखने की व्यवस्था है लिहाजा ऐसे ही बच्चे यहाँ भर्ती किये जा रहे हैं और यदि कोई गंभीर बच्चा आता है तो उसे कमला राजा अस्पताल रेफर कर दिया जाता है जहाँ पहले से वार्ड ओवर लोड हैं , एक पलंग पर दो से तीन बच्चें भर्ती हैं। उधर कमला राजा अस्पताल के 30 वार्मर वाले SNCU में 76 बच्चे भर्ती है।

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CMHO की नजर में डेंगू कम हुआ है, ICU जल्दी ठीक होगा

ग्वालियर की स्वास्थ्य सेवाओं के मुखिया मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ मनीष शर्मा से जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने इन समस्याओं को लेकर बात की तो उन्होंने बड़ी आसानी से कह दिया कि मेरे संज्ञान में है बच्चों के ICU में सीवर का पानी भर रहा है, ये ड्रेनेज की समस्या है नगर निगम कमिश्नर को इसकी सूचना दे दी गई है जल्दी ही टीम भेजकर इसे ठीक करा लिया जाएगा। उधर डेंगू के सवाल पर CMHO डॉ मनीष शर्मा को ये बढ़ता हुआ नहीं बल्कि घटता हुआ दिखाई दे रहा है उनका कहना था की पहले तो एक दिन में 100-100 केस आ रहे थे लेकिन अब कम आ रहे हैं।

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ग्वालियर में डेंगू का मच्छर रोज डंक मारकर लोगों को बीमार कर रहा है ,  आंकड़ा 1935 हो चुका है लेकिन CMHO साहब को डेंगू कम होता दिखाई दे रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि जैसे जैसे सर्दी बढ़ेगी डेंगू अपने आप कम हो जायेगा इसलिए ज्यादा स्ट्रेस लेने की जरुरत नहीं है।  रही बात SNCU बंद होने की तो वो सरकारी रफ़्तार से कुछ दिन में ठीक हो ही जायेगा।  हम तो बस ईश्वर से ये ही दुआ करते हैं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा कोई मासूम न भुगते , इसलिए वो मासूमों सहित सभी पर कृपा दृष्टि बनाये रख और बीमार होने से बचाये रखे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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