Cabinet Meeting में कई बड़े निर्णय, भर्ती-सेवा नियम को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के युवाओं के लिए सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद (cabinet meeting) की वर्चुअल बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 263 स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। वहीँ बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ के लिए 419 पद स्वीकृत करने की मंजूरी दी गई। स्वीकृत पदों पर भर्ती आगामी तीन वर्षो में चरणबद्ध तरीके से की जायेगी।

इसमें संयुक्त संचालक दंत स्वास्थ्य, उप संचालक दंत स्वास्थ्य के एक-एक पद तथा संभागीय कार्यालय स्तर पर उप संचालक दंत स्वास्थ्य के 7 पद और शहरी क्षेत्र में जिला चिकित्सालय में दंत विशेषज्ञ के 34 पद, दंत चिकित्सक के 46 पद, इस प्रकार कुल 89 पद निर्मित किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में 330 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सकों के 330 पद निर्मित किये जायेंगे।

इसके अलावा इसमें 07 जिला चिकित्सालयों के बिस्तरों की संख्या में वृद्वि, 21 सिविल अस्पतालों, 49 सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्रों, 73 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 113 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना/उन्नयन किया जाना है। मंत्रि-परिषद ने जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत 375 अस्थायी पदों को 1 मार्च 2021 से 28 फरवरी 2022 तक निरंतर किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के बैकलॉग/ कैरीफारवर्ड पदों तथा निःशक्तजनों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक एक वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम में संशोधन

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम, 2017 के नियम-14 के बाद 14 (अ) जोड़ा जाने का निर्णय लिया गया। इसके अतंर्गत अभ्यर्थी से नियमित नियुक्ति के समय इस आशय का रुपये 5 लाख का बंधपत्र निष्पादित कराया जाएगा कि उसे पदभार ग्रहण करने के पश्चात् न्यूनतम 3 वर्ष तक सेवाएँ देना अनिवार्य होगा अन्यथा किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएँ नहीं देने पर उक्त राशि या 3 महीने के वेतन और भत्ते के बराबर राशि, जो भी अधिक हो, देना होगी। उक्त शर्तों के उल्लंघन के मामले में बांड की पूरी राशि राजसात की जा सकेगी। यदि आवेदक केन्द्र या मध्यप्रदेश राज्य की शासकीय सेवा के लिए पूर्व अनुमति के साथ त्यागपत्र देता है तो बंधपत्र की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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कुटीर एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रमोशन

मंत्रि-परिषद द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के उत्पादों का प्रमोशन, ब्राण्ड बिल्डिंग और विपणन अधोसंरचना नवीन योजना का अनुमोदन दिया गया। योजना के परियोजना अभिलेख (DPR) में प्रमुखतः तीन मदों ब्राण्ड प्रमोशन, ई-कॉमर्स प्रचार-प्रसार और विपणन अधोसंरचना विकास में व्यय किया जायेगा। यह नवीन योजना सभी ग्रामोद्योगी उत्पाद, मृगनयनी (हाथकरघा / हस्तशिल्प उत्पाद), कबीरा (खादी उत्पाद), विन्ध्या वैली (ग्रामोद्योग उत्पाद) और प्राकृत (रेशम उत्पादों) के लिये लागू होगी।

इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के तहत नये शासकीय आईटीआई की स्थापना जिला सिंगरौली के विकासखण्ड चितरंगी में स्वीकृत की है। आईटीआई की स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिये कुल राशि 18 करोड़ 43 लाख रूपये संभावित व्यय होगा। नये आईटीआई के लिए कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। चितरंगी में 6 ट्रेडस शुरू कर आईटीआई की स्थापना होगी।अभी प्रदेश के कुल 313 विकासखण्डों में से 210 विकासखण्डों में 243 सरकारी आईटीआई संचालित है।

MSME विकास नीति तथा MSME प्रोत्साहन योजना

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के नवीन वर्गीकरण को प्रदेश में प्रभावी किये जाने के संबंध में निर्णय लिया। अधिसूचना में नई निवेश और कारोबार की सीमा को पूरे प्रदेश की एमएसएमई के लिये राज्य शासन के सभी विभागों एवं उनके अधीनस्थ निगमों/ संस्थाओं/उपक्रमों के सभी प्रयोजनों के लिए इस संबंध में अधिसूचना की प्रभावशीलता के दिनांक से ग्राह्य किया गया। इसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2021 तथा मध्य प्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 जारी की गई।

ज्ञात हो कि भारत सरकार द्वारा एक जुलाई 2020 से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का नये सिर से वर्गीकरण किया गया है। अब तक 10 करोड़ के निवेश प्लांट में और 5 करोड़ तक का निवेश उपकरणों में करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के दायरे में आती थी। नवीन वर्गीकरण अनुसार अधिकतम 50 करोड़ रूपये तक के प्लांट एवं मशीनरी/उपकरणों में निेवेश करने वाली और अधिकतम 250 करोड़ रूपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के अंतर्गत आ गई है।

Dial 100 सेवा योजना की अवधि में वृद्धि

डॉयल 100 की स्वीकृत कार्य योजना अवधि समाप्त के बाद समय-समय पर मंत्रि-परिषद के अनुमोदन के बाद अनुबंधित फर्म को वृद्धि की स्वीकृति दी गई है। एक जुलाई 2021 से अनुबंधित दरों में 15 प्रतिशत की दर वृद्धि करने के बाद संचालन की स्वीकृति 6 माह के लिए दी गई है। दिनांक 12 सितम्बर 2019 की मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2020-2025 तक निरंतर रखने की अनुमति दी गई थी।

डॉयल 100 सेवा के एफआरवी की पहुँच के विस्तार के लिए अधिकतम 1200 एफआरवी की कार्य-योजना प्रस्तुत की गई है। मंत्रि-परिषद ने 1100 करोड़ 16 लाख रूपये (प्रतिवर्ष 183 करोड़ 36 लाख) की परियोजना तथा उक्त परियोजना की अवधि एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2027 तक की स्वीकृति प्रदान की।

सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के लिए 33 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में उन्नयन किये जाने के लिए नवीन एस.ओ.आर दरों के अनुसार परियोजना के लिए 33.1 करोड़ रूपये की स्वीकृति और संस्था में पूर्व से स्वीकृत 25 पदों को समर्पित करते हुए 13 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा वर्तमान में एम.डी. साइकियाट्रिक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रति वर्ष 6 छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का उन्नयन “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में करने तथा नवीन पद सृजित किए जाने से मनोरोग विषय में एम.डी. की 4 सीट, क्लीनिकल साइकोलॉजी की 18 एम. फिल सीट, साइकियाट्रिक सोशल वर्क की 18 एम.फिल सीट और साइकियाट्रिक नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स की 40 अतिरिक्त सीट प्रारम्भ की जा सकेगी।

उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण

मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से सागर-दमोह मार्ग पर 29 अप्रैल 2028 तक, महू-घाटाबिल्लोद मार्ग पर 13 फरवरी 2035 तक, भिण्ड-मिहौना-गोपालपुरा मार्ग पर 30 अप्रैल 2030 तक और बीना-खिमलासा-मालथोन मार्ग पर 30 अप्रैल 2035 तक उपभोक्ता शुल्क (टोल) संग्रहण किये जाने की स्वीकृति दी गई।

शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का संविलियन

मंत्रि-परिषद द्वारा शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में समस्त संसाधनों सहित संविलियन एवं पूर्व में स्वीकृत 236 पदों (प्रशासकीय 13, शैक्षणिक 140 एवं गैर शैक्षणिक 83) की पुनर्संरचना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन को प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना

मंत्रि-परिषद द्वारा एथेनॉल एवं जैव ईधन के उत्पादन के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किये जाने का निर्णय लिया गया। उत्पादन से जुड़े प्लांट एवं मशीनरी मे किये गये पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक, पेट्रोलियम तेल उत्पादन कंपनियों को इकाई द्वारा उत्पादित एथेनॉल प्रदाय करने पर 1.50 रूपये प्रति लीटर की वित्तीय सहायता वाणिज्यिक उत्पादन की दिनांक से 7 वर्ष के लिये प्रदान की जायेगी। इकाइयों के लिए भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 साल के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रूपये जो भी कम हो, दी जायेगी। 100 प्रतिशत पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति 5 लाख रूपये तक की सीमा तक की जायेगी।

जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुविधा के लिये इक्विपमेंट पर 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, जो 1 करोड़ रूपये की अधिकतम सीमा तक होगा, प्रदान किया जाएगा। उद्योग के लिए निजी/ आवंटित अविकसित शासकीय भूमि पर पानी/बिजली/सड़क अधोसंरचना विकास के लिए परियोजना पर हुए व्यय के 50 प्रतिशत, जो प्रत्येक मद के लिये अधिकतम 1 करोड़ रूपये की सीमा तक होगा, की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए एमपीआईडीसी, भोपाल नोडल एजेंसी होगी।

बीना में अस्थाई कोविड अस्पताल

मंत्रि-परिषद ने भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटेड बीना के सहयोग से प्लांट से लगभग 500 मीटर दूरी पर 1000 बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल के निर्माण और संचालन के संबंध में कार्योत्तर अनुमोदन दिया। स्टेट लेवल एक्जीक्यूटिव कमेटी के निर्णयानुसार प्रथम चरण में 200 बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल को 6 माह तक संचालन की अनुमति दी।

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021

मंत्रि-परिषद ने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 की धारा में संशोधन के लिए महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 मान्य करने का निर्णय लिया।

महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 में प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलाधिपति का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 अन्तर्गत स्थापित 8 विश्वविद्यालयों, 5 अन्य विश्वविद्यालयों तथा 2 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के अधिनियम में कार्यपरिषद/ प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलपति का प्रावधान है।


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