भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में बिजली संकट भी सियासी दावों में उलझकर रह गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan), गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) मान रहे हैं कि बिजली की कमी है , बीजेपी के दो विधायक अपनी ही सरकार को बिजली के मुद्दे पर घेर चुके हैं लेकिन प्रदेश के बिजली मंत्री यानि ऊर्जा मंत्री को सब चंगा दिखाई देता है। उनके मुताबिक बिजली आपूर्ति सामान्य हो चुकी है।
मध्यप्रदेश में बिजली की मांग और आपूर्ति के बड़े अंतर ने प्रदेश में सियासी करंट बढ़ा दिया है। बिजली की कमी को लेकर विपक्ष का सरकार पर हमलावर होना लाजमी है लेकिन यहाँ सरकार में बैठे दो विधायक पत्र लिखकर बिजली की कमी पर आक्रोश जता चुके हैं। विधायक नारायण त्रिपाठी और विधायक राकेश गिरी ने पिछले दिनों पत्र लिखकर बिजली संकट पर अपनी ही सरकार से सवाल किये हैं। विधायकों के मुताबिक उनके क्षेत्रो में 12 घंटे से ज्यादा समय बिजली गुल रहती है।
कोयले की कमी और कम बारिश के कारण पावर प्लांट्स में बिजली का उत्पादन कम हो गया है। किसान फसल के लिए ज्यादा बिजली की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग और आपूर्ति की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मान रहे हैं कि बिजली की दिक्कत है। विंध्य और मालवा के क्षेत्रों में कम बारिश होने से बांधों में पर्याप्त पानी नहीं है नर्मदा जी में भी पानी नहीं है, इसलिए उत्पादन बाधित हो रहा है। मैं इसे लेकर बहुत परेशान था।
उधर गृह मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा भी मानते हैं कि प्रदेश में बिजली संकट है लेकिन इसे दुरुस्त करने का भरोसा दिला रहे हैं।
इस सबके बीच बिजली विभाग के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को सब कुछ ठीक दिखाई देता है। उनके मुताबिक अब बिजली आपूर्ति सामान्य हो गई है। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों में मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ गया था जिससे व्यवस्था गड़बड़ा गई थी उनका मानना है कि कोयले की थोड़ी कमी है, कम पानी का असर कुछ प्रोजेक्ट पर पड़ा है वहां उत्पादन नहीं हो रहा। कुछ इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद हैं लेकिन जल्दी ही स्थितियों में सुधार हो जाएगा।
बहरहाल , आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को सौगात दी है। प्रदेश में 5,250 करोड़ रुपये की लागत से तीन सोलर पार्क, आगर में 550 मेगावॉट, शाजापुर में 450 मेगावॉट और नीमच में 500 मेगावॉट का, कुल 1500 मेगावॉट के तीन सोलर पावर पार्क लगाने के लिए निवेशकों का चयन हुआ है। तीनों सोलर पार्क से 1500 मेगावॉट बिजली मिलेगी। अब देखना ये होगा कि प्रदेश के लोगों को पर्याप्त बिजली मिलती है या सियासी करंट प्रदेशवासियों को झटका देता है।