जबलपुर, संदीप कुमार। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत समय पर जानकारी ना देने के चलते हाईकोर्ट (MP High court) ने सख्त रवैया अपनाते हुए मुख्य सूचना आयुक्त ( Chief information commissioner) पर जुर्माना (Fine) लगाया है। हाई कोर्ट के जस्टिस शील नागू व जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की बेंच ने मध्य प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त को फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर क्यों समय पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं दी गई।
हाईकोर्ट ने सूचना आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि 60 दिन के भीतर जुर्माने की 2000 रु की राशि आवेदक को दी जाएं। हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य जीएसटी के जबलपुर में कार्यरत कर्मचारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने आरटीआई के तहत अभियोजन स्वीकृति की प्रतिलिपि मांगी थी जो नहीं दी जा रही है।
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मजबूर होकर आखिरकार प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट का सहारा लिया और फिर हाईकोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त पर 2000 रु की कॉस्ट राशि लगाई है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्रथम व द्वितीय अपीलीय अधिकारी ने तथ्य को बिना जांचे की अपील खारिज की है, इसलिए हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया है।
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