भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के देवास (Dewas) को जल्द एक नवीन सौगात मिलेगी। दरअसल औद्योगिक क्षेत्र के टाटा चौराहे पर प्रदेश का पहला संविधान पार्क (MP first constitution park) निर्मित होगा। इस पार्क के 25000 वर्ग मीटर में 22 मूर्तियां लगाई जाएगी। जिनका संविधान में उल्लेख किया गया है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। बड़े प्रोजेक्ट के लिए देवास विकास प्राधिकरण और नगर निगम के संयुक्त प्रयास से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इसे पूरा किया जा रहा है।
6 महीने से शुरू हुई इसकी तैयारी में 22 मूर्तियों के लिए क्रियाकलाप शुरू कर दिया गया है। इन 22 मूर्तियों को लकड़ी, फाइबर, स्टील और सीमेंट आदि से निर्मित किया जा रहा है। मूर्ति में सिंधु घाटी की सभ्यता, हड़प्पा संस्कृति के अलावा देश की आजादी तक की जानकारी मूर्ति के माध्यम से संविधान पार्क में स्थापित होगी।
25000 वर्ग मीटर में पार्क का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए लागत 6 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। संविधान पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अशोक स्तंभ, पुष्पक विमान सहित मन की गति से चलने वाले पुष्पक विमान और महाभारत के कई दृश्य सहित नटराज, रेगिस्तान के दृश्य और बड़ी मूर्तियों को लगाया जाएगा।
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मामले में देवास नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह चौहान का कहना है कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत संविधान पर का निर्माण किया जा रहा है। हड़प्पा से लेकर आजादी के दौर की घटनाओं को नंदलाल बोस के चित्रकारी के माध्यम से उकेरा गया था। जिसे अब मूर्तियों के माध्यम से संविधान पार्क में तैयार किया जाएगा। 6 महीने में संविधान पार्क को तैयार कर लिया जाएगा। इसकी तैयारी की जा चुकी है।
इतना ही नहीं केंद्र और राज्य के बीच संबंधित संविधान वर्चस्व को दर्शाने वाले 10 फीट ऊंची और 15 फीट चौड़ी प्रतिमा का भी निर्माण किया जाएगा। लाल पत्थर से इन प्रतिमाओं का निर्माण होना है। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित एक प्रस्तुति भी तैयार होगी। अल्मुनियम काेस्टिंग से तैयार किया जा रहा है। 6 महीने में प्रोजेक्ट पूरा करने की तैयारी की गई है। परंपरागत आदिवासी क्षेत्रों की जानकारी भी संविधान पार्क में उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके लिए गुजरात महाराष्ट्र राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के चित्रकार और मूर्तिकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में जिला प्रशासन और निगम के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की जा चुकी है। दरअसल हड़प्पा से लेकर आजादी तक के दौर की घटनाएं नंदलाल बोस द्वारा चित्रकारी के माध्यम से संविधान में उकेरी गई थी। जिसे मूर्तियों के माध्यम से अब संविधान पार्क में मूर्त रूप दिया जाएगा।