भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में तबादले (transfer) पर से प्रतिबन्ध (ban) हटा दिया गया है। इस अनुसार 1 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक प्रदेश में तबादले किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 64 विभाग (department) के 2,000 से अधिक कैडर में तबादले होने हैं। जिसके बाद ट्रांसफर को लेकर हलचल शुरू हो गई है। वही तबादले के लिए इच्छुक अधिकारी कर्मचारी के 15,000 से अधिक आवेदन अब तक विभाग में पहुंच गए हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में तबादले पर सबसे ज्यादा आवेदन राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, PWD, PHE, कृषि और सहकारिता विभाग में आए हैं। इसके अलावा शिक्षा (education) को लेकर अलग से ट्रांसफर पॉलिसी (transfer policy) तैयार की जा रही है।मध्यप्रदेश में Transfer से प्रतिबंध हटने के बाद तबादला के इच्छुक अधिकारी कर्मचारियों अपने विभाग में आवेदन देते हैं। इसके अलावा वह प्रभारी मंत्री से संपर्क कर सकते हैं।
वहीं विभागीय स्तर पर कार्रवाई पूरी करने सहित प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद लिस्ट जारी की जाती है। ज्ञात हो कि वर्ष 2004 से मध्य प्रदेश जिला योजना समिति अधिनियम के तहत प्रभारी मंत्री की नियुक्ति की जाती है। प्रभारी मंत्री को पहले वित्तीय अधिकार भी होते थे लेकिन वर्ष 2004 के बाद यह शक्तियां खत्म कर दी गई। जिसके बाद अब केवल तबादलों पर से प्रतिबंध हटने के बाद उनकी भूमिका प्रबल हो जाती है।
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डीएसपी, सीनियर अधिकारी में गठित पुलिस स्थापना बोर्ड के तहत विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर ट्रांसफर किए जा सकेंगे। पटवारी, आरआई के आदेश प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से हो सकेंगे। इसके अलावा कृषि अधिकारी तृतीय श्रेणी तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार सहित अन्य तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होगा। डिप्टी कलेक्टर संयुक्त राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर जारी करेंगे।
अखिल भारतीय सेवा के अफसरों सहित मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा और मंत्रालय सेवा के अवसर कर्मचारियों का ट्रांसफर प्रभारी मंत्री नहीं कर पाएंगे। जिले के बाहर राज्य के डर के कर्मचारियों का तबादला आदेश विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद पीएस, सचिव और अपर सीएस द्वारा जारी किया जा सकेगा। इसके अलावा जिन लोगों के ट्रांसफर 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 के बीच हुए हैं। उनके तबादला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समन्वय के अनुमोदन के बाद ही किए जा सकेंगे। वहीं राज्य स्तरीय कैडर के जिलों में प्रदर्शित प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का तबादला आदेश मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही जारी किया जाएगा।