UGC की बड़ी तैयारी, अधिसूचना जारी, ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग करने वाले छात्रों को मिलेगा बड़ा लाभ

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। छात्रों के हित में यूजीसी (UGC) द्वारा आए दिन बड़े फैसले भी जा रहे हैं। अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने छात्रों को बड़ी राहत देते हुए नवीन घोषणा कर दी है। जिसके तहत मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिस्टेंस और ऑनलाइन मोड (Distance and online mode) में पढ़ाई करने वाले कोर्स को भी पारंपरिक शिक्षा डिग्री के समान मान्य किया जाएगा।

मामले में यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा ओपन और डिस्टेंस सहित ऑनलाइन मोड में ग्रेजुएशन से पीजी लेवल पर दी जाने वाली डिग्री पारंपरिक शिक्षा माध्यम की डिग्री और डिप्लोमा के बराबर ही माना जाएगा।

इससे एक तरफ जहां देश में लाखों की तादाद में ऑनलाइन और डिस्टेंस कोर्स करने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ उनके द्वारा हासिल की गई डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन पाठ्यक्रम की डिग्री भी नॉर्मल डिग्री के समकक्ष ही मान्य की जाएगी। यूजीसी के सचिव का कहना है कि पारंपरिक तरीके से पीजी डिप्लोमा कोर्स और पत्राचार से होने वाले कोर्स को जितनी महत्व मिलती है।

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उसको देखते हुए ऑनलाइन ने डिस्टेंस लर्निंग कोर्स में कुल भारतीयों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। ऐसे में कई लोग नौकरी करने के साथ अपनी पढ़ाई को पूरी कर रहे हैं। जिसको देखते हुए यूजीसी द्वारा मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम और ऑनलाइन कार्यक्रम के नियमन के नियम 22 के तहत यह फैसला लिया गया है। इसके लिए यूजीसी ने संक्षिप्त अधिसूचना भी जारी कर दी है। यूजीसी की तरफ से दी सूचना में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों से दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से डिग्री को भी अब रेगुलर डिग्री में शामिल किया जाएगा।

बता दें कि हाल ही में यूजीसी द्वारा विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और ऑनलाइन कोर्स में उनके दाखिले को बढ़ाने के लिए ओपन और डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम रेगुलेशन 2020 में बदलाव किया गया था। जिसके तहत पासपोर्ट की वैधता समाप्त हो जाने और पासपोर्ट जमा ना करने की वजह से बहुत से विदेशी छात्रों के आवेदन खारिज कर दिए थे।

तब नियमों में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके अलावा अप्रैल महीने में यूजीसी द्वारा डुएल डिग्री और जॉइंट कोर्स के लिए भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के टाइअप को भी मंजूरी दे दी गई है। जिसका फायदा लाखो छात्रों को मिलेगा।


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