जगमग होगा क्षिप्रा का तट, 21 लाख दियों से सजेगी महाकाल की नगरी, बनेगा रिकॉर्ड, यह होंगी व्यवस्थाएं

Gaurav Sharma
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। 1 मार्च 2022 को शिवरात्रि पर्व देवों के देव महादेव भक्तों से लिए किसी त्यौहार से कम नहीं। भक्त शिवरात्रि के दिन अपनी इक्षा और सामर्थ्य अनुसार अपने भगवान को मानते हैं और उनकी बारात में शामिल होकर नाचते गाते हैं। इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन महाकाल की नगरी उज्जैन में इस पर्व को और भी भक्तिमयी बनाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आव्हान पर “शिव ज्योति अर्पणम” कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव के अंतर्गत क्षिप्रा के किनारे बने रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, नृसिंह घाट, सुनहरी घाट आदि स्थानों पर कुल 12 लाख दीप प्रज्वलित किये जायेंगे। दीप तट के दोनों और जलाए जाएंगे और इसमें समाज के वर्ग की भागीदारी होगी। क्षिप्रा के तट के अलावा देवस्थानों, मंदिरों और नगर में घर-घर दीप प्रज्वलित किए जाएंगे।

21 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने की जिम्मेदारी 17000 स्वयंसेवकों को सौंपी गई है। इतना ही नहीं क्षिप्रा के घाटों पर जो 14 लाख दिए जलाए जाएंगे उन्हें 10 मिनट के अंदर जलाया जाएगा, जो गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़ होगा। अभी सबसे ज्यादा दिए जलाने का रिकॉर्ड भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या का है। दीपोत्सव का यह कार्यक्रम 07:30 बजे तक पूरा होगा जिसके बाद हो आमजन को क्षिप्रा के तट पर आने दिया जाएगा।

सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन को चाक चौबंद रहने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें जिला प्रशासन द्वारा पार्किंग की व्यवस्था कार्कराज मंदिर के पास की गई है। कलेक्टर उज्जैन ने सभी श्रद्धालुओं से स्नान के सम्बन्ध में जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि स्नान करने के इच्छुक सभी श्रद्धालु भूखी माता एवं कर्कराज घाट पर जाकर स्नान का लाभ लें। बाकी घाटों पर स्नान की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।

इसके अलावा उज्जैन जिले के अतिरिक्त दण्डाधिकारी संतोष टैगोर ने जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर मन्दिर के आसपास की 500 मीटर की परिधि मे बिना अनुमति के ड्रोन व ड्रोन कैमरो के संचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध होगा और इसके आदेश जारी कर दिये गए हैं। यदि कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो उसे IPC 1860 की धारा-188 के अन्तर्गत दण्ड दिया जाएगा।

शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की जो सबसे खास बात है वो यह है कि उसने इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु को दोबारा इस्तेमाल किए जाने की तैयारी पहले से ही कर ली गई है। “ज़ीरो वेस्ट” को लक्ष्य बनाकर यह महोत्सव किया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्वयंसेवकों के पहचान पत्र क्यूआर एप की मदद से रिसाइकल किए जाएंगे, दियों का उपयोग होम कम्पोस्टिंग, मटके, कुल्हड़ आदि को बनाए के लिए किया जाएगा, बचे हुए तेल को गौशाला के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, बची हुई तेल की बोतलों को 3R प्रक्रिया (REDUCE -RECYCLE -REUSE) के माध्यम से पुनः उपयोग में लाया जाएगा, दियों को जलाने वाली 14000 मोमबत्तियों को जलाने के लिए पेपर मैचबॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा और खाने पीने के लिए केवल बायो–डिग्रेडेबल सामान का उपयोग किया जाएगा।

महाशिवरात्रि पर्व पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए महाशिवरात्रि महापर्व पर शांति पैलेस तिराहे पर एक भव्य तौरण द्वार बनाया गया है, जैसे ही श्रद्धालु इस द्वारा पर आएगा संगठन की नन्ही बालिकाओ द्वारा उसका तिलक लगाकर और पीले अक्षत देकर स्वागत किया जाएगा। आपको यह भी बता दें 27, 28 फ़रवरी और 2 मार्च को होने वाले पल्स पोलियों अभियान को भी जिला प्रशासन द्वारा 6–7 और 8 मार्च को आयोजित करने के आदेश दिए गए हैं।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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