भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में 1 नवंबर से मतदान सूची (voter list) का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Brief Revision Program) शुरू होने वाला है। जिसकी वजह से प्रदेश के 65 हज़ार बूथ लेवल ऑफिसर (कलेक्टर और अनुभागीय अधिकारी) के तबादले (transfer) 2 महीने तक के रुक जाएंगे। वही विशेष परिस्थिति में कलेक्टर और अनुभागीय अधिकारी का स्थानांतरण करने से पहले सरकार को राज्य चुनाव आयोग (state election commission) की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी।
दरअसल मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हो रहा है। जहाँ अफसरों द्वारा जिन मतदाताओं के आवेदन प्राप्त हुए, उनके घर जाकर अधिकारियों को आवेदकों के आवेदन का सत्यापन करना होगा। जिसके बाद मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश में एक नंबर से सभी जिले में मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन करने के बाद दावे और आपत्तियों का काम शुरू किया जाएगा। वहीं केंद्र पर बूथ लेवल ऑफिसर आवेदन प्राप्त करेंगे। जिसके बाद ऑफिसर घर घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे।
Read More: MP नगरीय निकाय चुनाव : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, जाने नई अपडेट
मतदाता सूची में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने सहित मृत मतदाताओं के नाम हटाने और संशोधन के लिए 30 नवंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं। मतदाता सूची में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, मृतक मतदाताओं के नाम हटाने और इसके संशोधन के लिए 20 दिसंबर तक इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी जबकि 5 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
वहीं कार्यक्रम के दौरान जिला कलेक्टर और अनुभागीय अधिकारियों का स्थानांतरण करने की अनुमति नहीं होगी। इस मामले में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल का कहना है कि मतदाता सूची की प्रक्रिया से जुड़े किसी भी अधिकारी कर्मचारी का तबादला राज्य निर्वाचन आयोग के बिना नहीं होगा। प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति से पहले शासन को प्रस्ताव बनाकर राज्य निर्वाचन आयोग को भेजना होगा। जहां आयोग की अनुमति मिलने के बाद ही स्थानांतरण आदेश जारी हो सकेंगे।