भोपाल| लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए सवर्णों को आरक्षण देने का एलान किया है| कैबिनेट ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से ऊपर और अधिक होगा। सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कोटा पर संविधान संशोधन विधेयक कल संसद में ला सकती है। ऐसे में आरक्षण का कोटा 50% से बढ़कर 60% हो सकता है। इसके लिए संविधान में संशोधन की तैयारी कर ली गई है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आरक्षण के दायरे में कौन आएगा और कौन नहीं| मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण आर्थिक आधार पर ला रही है, जिसकी अभी संविधान में व्यवस्था नहीं है. इसलिए सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा| संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव किया जाएगा| दोनों अनुच्छेद में बदलाव कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा|
सूत्रों के मुताबिक आरक्षण देने के लिए सरकार ने कुछ पैमाने बनाये हैं| जिससे सीमित और जरूरतमंद लोग इस फैसले से लाभान्वित हो| आरक्षण सिर्फ उन्हीं सवर्णों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होगी| इसके अलावा आरक्षण के हकदार वे ही रहेंगे जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन होगी| पढ़िए इससे जुड़ी अहम बातें –
-जिन लोगों की सालाना आय 8 लाख रुपए या इससे कम है।
-जिसके पास 5 एकड़ या उससे कम खेती जमीन है।
-जिनके मकान 1000 वर्ग फुट से कम जमीन पर बने हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।
-राजपूत, भूमिहार, बनिया, जाट, गुर्जर को इस श्रेणी में आरक्षण मिलेगा।
-आरक्षण शिक्षा (सरकार या प्राइवेट), सार्वजनिक रोजगार में इसका लाभ मिलेगा।
-इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन होगा।
-आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है।
यह दस्तावेज भी जरूरी
आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आपको आय प्रमाण पत्र दिखाना होगा।आपको बता दें जिन सवर्णों की सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है, वही इसका फायदा उठा पाएंगे। इसके अलावा आरक्षण का फायदा उठाने के लिए जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड और पैन कार्ड भी दिखाना होगा। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए यही नहीं आधार कार्ड, बैंक पास बुक और इनकम टैक्स रिटर्न भी दिखाना जरूरी होगा।