भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। आए दिन बड़ी संख्या में मिल रहें कोरोना संक्रमित जहां चिंता का विषय बने हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ कोरोना योद्धाओं ने प्रदेश में रिकवरी रेट को बढ़ाने में खासा योगदान दिया है। कोरोना योद्धा लगातार पूरी मेहनत और लगन से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। किंतु राज्य शासन द्वारा इस महामारी काल में भी उनके ऊपर खासा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के करीबन डेढ़ लाख कोरोना वारियर्स को 4 महीने से आधे से भी कम मानदेय दिया जा रहा है।
दरअसल कोरोना महामारी ने एक तरफ जहां आर्थिक स्थितियों पर गहरा प्रभाव डाला है वहीं दूसरी तरफ इस महामारी काल में शहर और गांव घर जाकर लगातार लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण के रोकथाम में बड़ी भूमिका निभा रहे प्रदेश के करीबन 1लाख 80 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को 10,000 रुपए के बजाए सिर्फ 4,500 रुपए राज्य शासन द्वारा दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य शासन द्वारा पिछले 4 महीने से कटौती किए हुए वेतन का हिस्सा भी जमा नहीं किया गया है। महामारी के इस वक्त में आर्थिक स्थिति से जूझ रहे कोरोना वारियर्स के लिए यह बड़ा झटका है।
बता दें कि प्रदेश में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार ने कोरोना वारियर्स के लिए बड़ा ऐलान किया था। जहां उन्हें 10,000 रुपए मानदेय पर नियुक्ति की घोषणा की गई थी। अब ऐसे में वेतन की रकम का आधा वेतन मिलना निश्चित है। इस संक्रमण काल में कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के लिए बड़ा झटका है।वहीं फिलहाल इस विषय पर सरकार की तरफ से अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।