अब सिंधिया पर भी कठिन सीट का दबाव, गुना-ग्वालियर पर फैसला होल्ड

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भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस के अंदरखाने जबर्दस्ती खींचतान चल रही है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भाजपा के कब्जे वाली भोपाल लोकसभा से चुनाव मैदान में उतरवा दिया है। इसके बाद अब सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी सीट बदलने का दबाव है। यही वजह है कि गुना सीट से टिकट लगभग तय होने के बावजूद भी कांग्रेस हाईकमान ने सिंधिया का नाम गुना से घोषित नहीं किया है। सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय सिंह के दबाव में गुना, ग्वालियर सीट पर प्रत्याशी तय नहीं किए गए हैं। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एआईसीसी की ओर से सूची जारी होने से पहले ही दिग्विजय का भोपाल से चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया था। हालांकि इसके बाद दिग्विजय ने बयान दिया था कि एआईसीसी की ओर से अभी नाम तय नहीं हुआ है। देर रात कांग्रेस ने मप्र के 9 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि दिग्विजय आखिरी समय तक राजगढ़ से टिकट के लिए प्रयास करते रहे। अब भोपाल से नाम तय होने के बाद उन्होंने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी सीट बदलकर चुनाव लड़ाने की मांग कर डाली है। यही वजह है कि पहली सूची में गुना से प्रत्याशी तय नहीं हुआ है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान सिंधिया को गुना से ही चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में है। क्योंकि हाईकमान ने लोकसभा चुनाव में सिंधिया को उप्र में कमान सौंपी है। ऐेसे में यदि सिंधिया की सीट बदली जाती है तो फिर उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र में ज्यादा समय देना होगा और वे उप्र में समय नहीं दे पाएंगे। गुना से चुनाव लडऩे पर सिंधिया उप्र में ज्यादा समय देंगे। गुना में चुनाव की कमान उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे संभालेंगी। वे पिछले एक महीने से गुना संसदीय क्षेत्र में जनता के बीच काम कर रही हैं। 


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