कोर्ट ने यह आदेश संजीव सिंह (sanjeev singh) द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप के बाद दिया है। संजीव सिंह ने कोर्ट में खुद को बिहार कांग्रेस का पर्यवेक्षक प्रभारी बताया है. उन्होंने यह शिकायत 18 अगस्त 2021 को दर्ज कराई थी। आरोप में कहा गया है कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के एवज में 15 जनवरी 2019 को पांच करोड़ रुपये लेकर दूसरे को टिकट दिया।
कोर्ट को यह भी बताया गया है कि बदले में उसे विधानसभा चुनाव में दो टिकट देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन विधानसभा में भी टिकट नहीं दिया गया। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए 31 अगस्त 2021 को आदेश सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी के माध्यम से कोतवाली थाने को मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया।
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता देखकर उन्हें बदनाम करने की साजिश : राजद
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चिंतारंजन गगन ने तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर लगे आरोपों के जवाब में कहा है कि जनता में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखकर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है। कोर्ट में इस झूठ का पर्दाफाश होगा।
ऐसी हरकत कोई पागल ही कर सकता है : कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि संजीव सिंह कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं। वे स्वयंभू कांग्रेसी हैं। कहा कि इस शख्स ने भावी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का पोस्टर लगाया था। अगर इससे भी मेरा मन नहीं भरा तो देश के भावी प्रधानमंत्री का पोस्टर लगा दिया। ऐसा काम कोई पागल आदमी ही कर सकता है। कहा कि हम कभी आमने-सामने भी नहीं मिले। फिर भी जब कोर्ट का निर्देश होगा तो कांग्रेस पार्टी वहां सबूत देगी।