भोपाल।
भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस द्वारा दिग्विजय को मैदान में उतारने से बीजेपी में जमकर असमंजस की स्थिति बन गई है। सुत्रों की माने तो फिलहाल यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम आगे चल रहा है। दोनों के नामों को लेकर दिल्ली में मंथन किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि एक दो दिन में इसकी तस्वीर भी साफ हो जाएगी। अगर ऐसा उलट फेर होता है तो फिर मुरैना से वीडी शर्मा को उम्मीदवार बनाया जाएगा। मंथन भोपाल सीट पर तोमर और शिवराज के बीच किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि अगर भोपाल से पार्टी केन्द्रीय नरेन्द्र सिंह तोमर को मौका देती है तो मुरैना से बीडी शर्मा को मैदान में उतारा जा सकता है। बीजेपी पहले से ही हार के डर से ग्वालियर की बजाय तोमर को मुरैना से चुनाव लड़वा रही है। कांग्रेस द्वारा भोपाल से दिग्विजय को उतारने के बाद बीजेपी का समीकरण गड़बड़ा गया है। सूत्रों के मुताबिक शिवराज इस सीट पर चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है इसलिए पार्टी तोमर को मुरैना से भोपाल शिफ्ट कर सकती है। लेकिन बाहरी उम्मीदवार का बीजेपी के अंदर ही पहले से विरोध हो रहा है।
अगर ऐसा उलटफेर होता है तो फिर शर्मा को मुरैना भेजा जा सकता है। 2009 में मुरैना संसदीय क्षेत्र से नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव जीते। 2014 में अनूप मिश्रा ने जीत दर्ज की। ग्वालियर चंबल संभाग में तोमर को ठाकुर और मिश्रा को ब्राह्मण नेता माना जाता है। इसी आधार बीते चुनावों में दोनों वर्गों के नेताओं ने चुनाव लड़ा था। यहां ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। भाजपा ने वर्तमान सांसद अनूप मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारने से मना कर दिया। ऐसे में बीडी शर्मा के ब्राह्मण होने की वजह से भाजपा नरेंद्र सिंह तोमर के भोपाल से चुनाव लड़ने की स्थिति में मुरैना से मैदान में उतार सकती है। इसके साथ दूसरा कारण स्थानीय नेताओं द्वारा भोपाल से शर्मा का विरोध भी है।
विदिशा से इनका नाम
वहीं, शिवराज सिंह चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये भी अभी तय नहीं हो पाया है, चुंकी पहले ही बीजेपी के पास विधायक की संख्या कम है ऐसे में पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी, हालांकि अंतिम फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही लेंगे। बताया जा रहा है कि शनिवार को भाजपा नेताओ में मध्य प्रदेश की बाकी बचीं सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर दिल्ली में एक दौर की बातचीत हुई। इसके साथ लोकल उम्मीदवार की संभावनाओं पर भी प्रदेश संगठन से फीडबैक लिया गया। भोपाल के साथ विदिशा और इंदौर पर भी बात हुई। विदिशा में शिवराज सिंह चौहान की और रमाकांत भार्गव का नाम रखा गया। हालांकि पूर्व वित्तमंत्री राघव जी ने अपनी बेटी का नाम भी रखा है। इंदौर को लेकर कहा जा रहा ���ै कि केंद्रीय नेतृत्व बाद में इस सीट पर प्रत्याशी का ऐलान करेगा। ग्वालियर में विवेक शेजवलकर के साथ नारायण सिंह कुशवाह का नाम भी चर्चा में है।