भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। महंगाई भत्ते (7th Pay Commission) और प्रमोशन की मांग को लेकर अब मध्य प्रदेश के कर्मचारी आर-पार की लड़ाई के मूड में है। इसके लिए कर्मचारियों ने एक बड़ी रणनीति तैयारी की है, इसके तहत 28 सितंबर को प्रदेशभर में एसडीएम-तहसीलदारों को ज्ञापन और फिर 22 अक्टूबर को भोपाल में बड़ा धरना प्रदर्शन होगा। इसके बाद भी अगर मांगे पूरे नहीं हुई तो 28 एवं 29 अक्टूबर को प्रदेश के सभी अधिकारी-कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी करेंगे।इस संबंध में 20 सितंबर सोमवार को सरकार को हड़ताल पर जाने का नोटिस मोर्चा ने दे दिया गया।
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दरअसल, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों में केंद्रीय कर्मचारियों के समान 28 फीसदी महंगाई भत्ते (dearness allowance) और प्रमोशन में देरी के चलते आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगातार प्रदर्शन-धरने और चेतावनी के बाद भी अबतक शिवराज सरकार द्वारा कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया है। हाल ही में 18 सितंबर 2021 को मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा (MP Government Employee) ने बैठक बुलाई थी और आगामी आंदोलन की रुपरेखा तैयार की है। इसके तहत अब 4 चरणों में आंदोलन किया जाएगा और 22 अक्टूबर को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन होगा। अगर इसके बाद भी शिवराज सरकार ने डीए और प्रमोशन समेत 5 सुत्रीय मांगों पर फैसला नहीं लिया तो 28 अक्टूबर के बाद दफ्तरों में तालाबंदी का ऐलान किया गया है।
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बता दे कि हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) का 28 फीसदी डीए और डीआर में बढ़ोतरी की है और अन्य राज्यों में भी डीए बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए है।वही केंद्र सरकार दिवासी से पहले 3 प्रतिशत और DA बढ़ाने की तैयारी में है, जिसके बाद कर्मचारियों की सैलरी में 2 लाख का का उछाल आएगा। केंद्र के इस फैसले के बाद से ही मध्य प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा लगातार बढो़त्तरी की मांग की जा रही है और देरी के चलते वे आंदोलन की राह पर पहुंच गए है।माना जा रहा है कि आगामी चुनावों से पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों के 5 प्रतिशत बढोत्तरी कर इस नाराजगी को दूर कर सकते है ताकी उपचुनाव में परिणाम ना भुगतना पड़े।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दीवाली से पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों का 5 प्रतिशत डीए बढ़ा सकती है।इसके लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव को CMO कार्यालय भी भेज दिया है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा।इससे सरकार पर 350 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को 12% महंगाई भत्ता (DA/DR) मिल रहा है, जबकि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के लिए इसे बढ़ाकर 28% कर चुकी है।माना जा रहा है कि सरकार 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का आदेश जारी कर सकती है, ऐसे में यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है, तो वेतन का 5%- 1000 रुपये होगा। कर्मचारियों को 1000 रुपये अधिक मिलेंगे और कुल मिलाकर DA 17% पर 3400 रुपये होगा।
ये है प्रमुख मांगे
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
- गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मप्र के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।
- स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी मिलें।
- विभिन्न संवर्गों के वेतन विसंगति सेवा अवधि अनुासार पदनाम, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के निराकरण दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारी, स्थायीकर्मी, आउटसोर्शिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति के सरलीकरण को लेकर वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। समिति के निर्णय का तत्काल पालन हो।