सीएम शिवराज का ऐलान, जून से महिलाओं के खाते में आयेगा “लाड़ली बहना योजना” का पैसा

Atul Saxena
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MP Ladli Behna Yojana :  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि प्रदेश की महिलाओं के खाते में जून महीने से “लाड़ली बहना योजना” का पैसा आने लगेगा। उन्होंने यह ऐलान रीवा में किया। वे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रीवा में निर्मित होने जा रहे हैं एयरपोर्ट के शिलान्यास के मौके पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

जून से महिलाओं के खातों में आयेगा पैसा

“लाड़ली लक्ष्मी योजना” की अपार सफलता के बाद अब मध्य प्रदेश की सरकार “लाड़ली बहना योजना”  लागू करने जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इसका ऐलान पहले ही कर चुके हैं और बुधवार को उन्होंने साफ किया कि जून महीने से महिलाओं के खाते में इस योजना का पैसा मिलना शुरू हो जाएगा।

5 मार्च से शुरू होगी फॉर्म भरने की प्रक्रिया 

सीएम शिवराज ने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं के फार्म भरने की प्रक्रिया 5 मार्च से शुरू होगी। फार्म भरना बहुत आसान होगा और इसमें केवल महिला को अपना नाम, पति का नाम और अपनी स्वघोषित आय लिखनी होगी। इसके बाद इन फॉर्म को एकत्र किया जाएगा और मई महीने में सूची तैयार कर ली जाएगी कि किन-किन बहनों को इस योजना का लाभ दिया जाना है। जून महीने से योजना का पैसा महिलाओं के खाते में सीधा पहुंचने लगेगा।

शिवराज ने सास बहू के रिश्तों पर ली चुटकी  

शिवराज ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह योजना परिवारों के अंदर प्रेम और स्नेह का वातावरण तैयार करने में मदद करेगी क्योंकि अगर सास को पता होगा कि बहू के खाते में 1000 रुपये आने हैं तो वह उसे घी में  चिपड़कर रोटी खिलाएगी। वहीं सास के खाते में 1000 रुपये आने से बहू भी उसके पैर दबाना शुरू कर देगी।

मील का पत्थर साबित होगी “लाड़ली बहना योजना” 

सीएम शिवराज ने कहा कि उन्होंने बड़ी नजदीकी से मध्य प्रदेश में महिलाओं की दुर्दशा को देखा है और इसलिए वे जानते हैं कि महिलाओं को सशक्त करें बिना प्रदेश को सशक्त नहीं किया जा सकता और लाड़ली लक्ष्मी के बाद लाड़ली बहना योजना भी मध्य प्रदेश में महिलाओं की तस्वीर बदलने में मील का पत्थर साबित होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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