भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक और शिवराज सरकार (Shivraj government) में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Minister Tulsi Silavat) ने बड़ी घोषणा की है। सिलावट ने ऐलान करते हुए कहा है कि जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के प्रत्येक ज़िले(District) में दो तालाबों का जीर्णोद्धार कर मॉडल तालाब (Model pool बनाएगा। तालाब के जीर्णोद्धार से यहाँ जल स्तर बढ़ेगा, जिसका फ़ायदा किसानों (Farmers) को मिलेगा।
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दरअसल, आज कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट (Water Resources Minister Tulsiram Silavat) ने ग्राम बोरानाखेड़ी में 44 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले जल संसाधन विभाग के तालाब का निरीक्षण किया और कहा कि इस तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य जन-सहयोग से किया जाएगा। मंत्री एवं जन-प्रतिनिधि तालाब गहरीकरण में श्रमदान करेंगे। इसमें सभी की सहभागिता होगी। मौक़े पर मौजूद आस-पास के गाँवों के सरपंचों ने भी श्रमदान में सहमति के साथ सूख चुके तालाब के बीच में खड़े होकर जीर्णोद्धार का संकल्प भी लिया।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सांवेर विधानसभा क्षेत्र(Sanwer Assembly Constituency) के अंतर्गत बोरानाखेड़ी तालाब का निरीक्षण करते हुए कहा कि अभियान की शुरुआत इस तालाब से की जाएगी। निरीक्षण के दौरान इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह (Indore Collector Manish Singh) भी मौके पर मौजूद रहे। जल संरक्षण का यह पुनीत कार्य सभी की सहभागिता से किया जाएगा। इसे हम जल आंदोलन का रूप देंगे। तालाब के जीर्णोद्धार से यहाँ जल स्तर बढ़ेगा, जिसका फ़ायदा किसानों (Farmers) को मिलेगा। उन्होंने तालाब की पाल को ऊँची करने के भी निर्देश दिए।
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इतना ही नहीं इंदौर में तालाब संरक्षण की योजना बनाने के लिए आगामी मंगलवार को ग्रामीणों की उपस्थिति में कलेक्टर कार्यालय में बैठक रखने के लिए भी कहा। तुलसीराम सिलावट ने कहा कि तालाब हमारी धरोहर है। बोराणा खेड़ी के इस तालाब में विदेशी प्रवासी पंछी भी ठण्ड के दिनों में आते हैं। हम यहाँ जल संपदा बढ़ाएंगे, जिससे अधिक से अधिक संख्या में पक्षी आ सकें। सिलावट ने निकट के खेमाना और अरणखेड़ी गाँव का भी भ्रमण कर तालाबों का भी निरीक्षण किया और कहा कि क्षेत्र के सभी तालाबों को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा।
मंत्री सिलावट ने कहा कि आज से पच्चीस बरस पहले ग्रामवासी नदी और तालाबों का पानी पेयजल के रूप में भी उपयोग करते थे, जो शुद्ध हुआ करता था। लेकिन आज दुर्भाग्य यह है कि नदी-नाले, तालाब सभी सूख चुके हैं। उन्होंने कहा कि तालाबों की ज़रूरत जितनी मानव समाज को है, उससे ज़्यादा पशु-पक्षियों को भी है। मध्यप्रदेश के ऐसे सभी बड़े तालाब जिनका रक़बा 50 हेक्टेयर से अधिक है सभी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। तालाबों का गहरीकरण, जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और निकटवर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाते हुए वहाँ वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।सिलावट ने मौक़े पर उपस्थित जिला पंचायत के सी. ई. ओ. को अगले चार दिवस में जीर्णोद्धार कार्यों की योजना बनाने के निर्देश दिए।