अर्गल-अनूप के बगावती तेवर से बिगड़े बीजेपी के समीकरण, सिंधिया के संपर्क में नाराज नेता

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भोपाल। विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी बागियों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है|  प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद से ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है| एक तरफ जहां प्रत्याशियों का खुलकर विरोध हो रहा है तो वहीं टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं का कांग्रेस की तरफ झुकाव बढ़ गया है| जिससे भाजपा के सभी समीकरण बिगड़ गए हैं| कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर चम्बल में बीजेपी में सेंध लगाने की कोशिश कर दी है| मुरैना के महापौर अशोक अर्गल और सांसद अनूप मिश्रा की नाराजगी का कांग्रेस को लाभ मिलता दिख रहा है, यह दोनों नेता सिंधिया के संपर्क में है| अर्गल ने सिंधिया से मुलाकात की है| 

मुरैना से वरिष्ठ नेता नरेंद्र तोमर को टिकट दिया गया है, जिसके बाद से ही अनूप मिश्रा नाराज है, हालाँकि अब तक खुलकर वो सामने नहीं आये हैं, लेकिन उनकी नाराजगी ने बीजेपी की धड़कनें बढ़ा दी है| चर्चा है कि वे सिंधिया के संपर्क में है और मुलाकात भी कर चुके हैं| ऐसी स्तिथि में भाजपा को डर है कि मिश्रा को कांग्रेस ने ग्वालियर से चुनाव लड़ा दिया तो मुश्किल हो जाएगी। फिलहाल नाराज नेताओं को मनाने की कवायद जारी है। तोमर को अनूप मिश्रा को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। 

वहीं पांच बार के सांसद और मुरैना महापौर अशोक अर्गल खुलकर बगावत पर उतर आये हैं|  भिंड से संध्या राय को टिकट देने के खिलाफ अशोक अर्गल ने खुलकर बगावत कर दी है। अर्गल कांग्रेस के संपर्क में हैं और भिंड से टिकट मिलने पर भाजपा छोड़ने की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वे अब भाजपा के लिए प्रचार प्रसार नहीं करेंगे और वे स्वतंत्र हैं| जिससे साफ़ समझा सकता है कि वे अब भाजपा की सुनने वाले नहीं है| चर्चा है कि अर्गल ने सिंधिया से मुलाकात की है, रामनिवास रावत ने उनकी मुलाकात सिंधिया से कराई है, जिससे उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों को बल मिला है|  वहीं अर्गल ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि भाजपा अब दीनदयाल के सिद्धांतों वाली पार्टी नहीं है। बल्कि कुछ लोगों की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन कर रह गई है।  वरिष्ठ नेता अपनी मनमर्जी से अपनों को टिकट दे रहे हैं। उन्होंने कहा पार्टी में तोमर के लिए अलग नियम हैं और उनके लिए अलग नियम हैं|  भिण्ड से ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया गया है, जिनके पति ने उनके बारे में बुरा भला कहा और जान से मारने तक की धमकी दी। मेने अपनी पार्टी के सामने भी रखी, लेकिन किसी ने बारी बात नहीं सुनी|  अर्गल जल्द ही बड़ा निर्णय ले सकते हैं| हालाँकि दोनों नेताओं को मानाने की कोशिश जारी है| दोनों से प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने बातचीत भी की है। भाजपा नेताओं की मानें तो इन दोनों नेताओं के कारण पूरे चंबल-ग्वालियर की सियासत बिगड़ सकती है। 


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