नई दिल्ली| लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है| केंद्रीय कैबिनेट ने सवर्ण जातियों को 10 फीसद आरक्षण के फैसले पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक के बाद फैसला किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10% आरक्षण दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को इसका फायदा मिलेगा।
देश भर में एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सवर्णों की नाराजगी और हाल ही में तीन राज्यों में आये चुनाव परिणाम के बाद यह फैसला सवर्णों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है| इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण दिया जाएगा। इसे केंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान में संसोधन करना होगा| संभावना है कि मंगलवार को सरकार संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है। क्योंकि शीत कालीन सत्र का यह अंतिम दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ किया था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग या इनके अलावा किसी भी अन्य विशेष श्रेणी में दिए जाने वाले आरक्षण का कुल आंकड़ा 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बता दें कि फिलहाल देश में 49.5 प्रतिशत आरक्षण है जो एससी, एसटी, ओबीसी को दिया गया है। वहीं देश में सवर्णों की आबादी 12-14 प्रतिशत है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में एट्रोसिटी एक्ट के चलते सवर्ण समाज का काफी विरोध झेलना पड़ा था। इसी विरोध के चलते तीन राज्यों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं मध्य प्रदेश में पिछले दिनों उग्र प्रदर्शन भी देखने को मिले और सांसदों के खिलाफ लोगों में खासा नारजगी रही| इसका असर विधानसभा चुनाव पर भी हुआ और भाजपा के हाथ से तीन राज्य चले गए| जबकि कुछ ही महीने में लोकसभा के चुनाव होने हैं| आम चुनाव से पहले पार्टी के लिए यह हार काफी महंगी पड़ी है| जिसके चलते इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव से पहले मोदी सरकार बड़े फैसले ले सकती है |