भोपाल।
मध्य प्रदेश की 3 सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा पार्टी की तरफ से कुल 5 उम्मीदवार उतारे गए थे। जिसमें से 3 भाजपाई खेमे के जबकि 2 कांग्रेसी खेमे के थे। किंतु राज्यसभा चुनाव के पूर्व भाजपा प्रत्याशी रंजना बघेल ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। भाजपा नेता बघेल के नाम वापस लेने पर राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव के लिए अब चार प्रतिद्वंदी मैदान में हैं। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के अलावा फूल सिंह बरैया कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के उम्मीदवार है जबकि दूसरी तरफ भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।
राज्यसभा सीटों पर चुनाव के लिए भाजपा की तरफ से रंजना बघेल ने बुधवार को नाम वापस ले लिया। भाजपा नेता रंजना बघेल ने रिटर्निंग ऑफिसर एपी सिंह के सामने पेश होकर अपना नामांकन वापस लिया। जिसके बाद 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए 3 सीटों पर चार प्रत्याशी के साथ मतदान किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस की तरफ से भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी के नामांकन को निरस्त करने की मांग की गई थी। जहां कांग्रेस ने बताया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने आपराधिक मामले नामांकन पत्र में नहीं दर्शाया वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी ने शासनिक सेवा में रहते हुए राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था। इस वजह से भाजपा के दोनों प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त होना चाहिए। किंतु विधानसभा सचिवालय ने कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि 9 अप्रैल को राज्यसभा के 3 सदस्य दिग्विजय सिंह, सत्यनारायण जटिया और प्रभात झा का कार्यकाल राज्यसभा से समाप्त हो रहा है। जिसके लिए 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के तहत इन 3 सीटों को भरना है। कांग्रेस और भाजपा की तरफ से एक-एक राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवार की जीत तय है। तीसरी सीट के लिए मुकाबला रोचक होगा। बताते चले कि निर्वाचन के लिए 222 सदस्य की मतदान की पात्रता है किंतु कांग्रेस के 16 बागी विधायक कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने पत्र एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना इस्तीफा सौंपा है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। अब देखना दिलचस्प है कि राज्यसभा की तीसरी सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहता है या भाजपा उसे अपनी तरफ करने में सफल होती है।