सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा- “जनजातीय समाज को मिलेगी सात गारंटियां”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय समाज विकास में पिछड़ गया है, उसे समान स्तर पर लाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। सामाजिक न्याय और सबको न्याय, सामाजिक समरसता के साथ जरूरी है। हमारे जनजातीय भाई-बहनों के शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ जनजातीय क्षेत्र में अधोसंरचना के विकास के लिए रोडमैप बनाया गया है। जनजातीय समाज आगे बढ़े इसके लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे, क्योंकि देश को आगे बढ़ने के लिए सबका आगे बढ़ना जरूरी है। सीएम ने जनजातीय समाज को सात गारंटियाँ देने की घोषणा की जिसमें विकास की गारंटी, जन-कल्याण योजनाओं को ठीक ढंग से जनजाति भाई-बहनों तक पहुँचाने की गारंटी, शिक्षा की गारंटी, स्वास्थ्य की गारंटी, सुरक्षा की गारंटी, सम्मान की गारंटी और युवाओं को रोजगार की गारंटी शामिल है।

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सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा- "जनजातीय समाज को मिलेगी सात गारंटियां"

सीएम शिवराज शनिवार को जनजातीय संग्रहालय में आयोजित “जनजातीय गौरव संवाद” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कार्यक्रम शुभारंभ के पूर्व देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने वाले जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बिरसा मुंडा, भीमा नायक और टंट्या मामा को नमन किया। मुख्यमंत्री न का परंपरागत नृत्य और जनजातीय रीति-रिवाज के अनुसार स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का विचार था कि दरिद्र ही हमारा नारायाण है और उसकी सेवा ही हमारी पूजा है। यह विचार प्रेरणादायी है, प्रधानमंत्री मोदी भी इसी विचार के हैं। विकास की प्रक्रिया में कुछ लोग अधिक संसाधन पा गए और कुछ विकास की दौड़ में पीछे रह गए। प्रधानमंत्री का विचार है सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास। अत: जनजातीय समाज अगर पिछड़ गया है तो उसे समान स्तर पर लाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस चिंता के परिणामस्वरूप ही जनजातीय विकास के लिए विभिन्न आयोगों का गठन किया गया। झाबुआ, अलीराजपुर जैसे क्षेत्रों में लिफ्ट इरीगेशन के माध्यम से जनजातीय भाइयों के खेतों तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था की गई। सिंचित खेती की व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में कपिलधारा के कुएँ बनवाए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था के लिए आश्रम शालाओं, छात्रावास, हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल आरंभ किए गए। जनजाति समाज के बच्चों में बुद्धि, प्रज्ञा, प्रतिभा सब कुछ है। इसीलिए हमारी सरकार ने शिक्षा का महाअभियान आरंभ किया। बच्चे पढ़ रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। शिक्षा ही समर्थ होने की पहली सीढ़ी है। उन्होने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री छात्र गृह योजना बनाई गई, जिससे गाँवों से शहरों में आकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को कमरे का किराया देने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। इसके साथ ही कोचिंग के लिए भी व्यवस्था की गई है, ताकि विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन उपलब्ध हो सके। विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश होने पर विश्वविद्यालय की फीस सरकार द्वारा भरवाने की व्यवस्था भी की गई है। शहडोल और झाबुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज आरंभ किए गए हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शिक्षा के इस विस्तार से चेतना आई, आंदोलन आरंभ हुए, अधिकारों की भूख जागी, युवा संगठित हुए और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने लगे। यह जागरूकता का प्रतीक है। उन्होने कहा कि शासकीय सेवकों ने भी जनजाति समाज की उन्नति और जागरूकता के लिए बहुत कार्य किया है। सामाजिक समरसता के ताने-बाने को बनाकर रखना हम सब का कर्त्तव्य है। सीएम ने कहा कि विकास की दौड़ में जो पीछे और नीचे रह गए उन्हें आगे लाने के लिए मैं सब कुछ करूंगा। जन-कल्याणकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ हितग्राहियों तक पहुँचे यह आवश्यक है। इसे सुनिश्चित करने के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनदर्शन, जन-सुनवाई, औचक निरीक्षण और समाधान ऑनलाइन जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। विकास हमारी प्राथमिकता है और यह थमने वाली प्रक्रिया नहीं है।

सीएम ने कहा कि बहनों को हैंड पंप और कुएँ से मुक्ति दिलाने के लिए जल जीवन योजना में हर घर नल से जल की योजना क्रियान्वित की जा रही है। प्रदेश के 89 जनजाति बहुल विकास खंडों में “राशन आपके द्वार” योजना का क्रियान्वयन भी स्थानीय जनजातीय युवाओं के माध्यम से किया जाएगा। युवाओं को वाहन लेने के लिए मार्जिन मनी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और बैंक गारंटी भी राज्य सरकार ही देगी। वाहनों के लिए 26 हजार रुपये प्रति माह युवाओं को प्रदान किए जाएंगे। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और राशन भी हमारे भाई-बहनों के द्वार पर पहुँचेगा। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना योजना और स्ट्रीट वेंडर जैसी योजनाएँ भी संचालित हो रही हैं। आवास प्लस का सर्वे जारी है। पूर्व की सूची में जिनके नाम छूटे हैं उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। सीएम ने कहा कि सीएम राइज स्कूल योजना में 18 से 24 करोड़ की लागत से भव्य स्कूल बनाए जाएंगे। इसमें योग्यतम शिक्षक उपलब्ध होंगे। गरीब जनजातीय परिवारों के बच्चों के लिए यह स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। बच्चों को स्कूल तक और वापस घर तक लाने ले जाने के लिए बसों की भी सुविधा होगी। राज्य सरकार सिकल सेल एनीमिया का नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित करेगी। आयुष्मान योजना के कार्ड भी बड़ी संख्या में बनाए गए हैं। इसमें 5 लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय कला, संस्कृति, जीवन मूल्यों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार निरंतर सक्रिय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पिछले कार्यकाल में लगभग 4 लाख 50 हजार भर्तियाँ हुईं। उन्होने कहा कि कहा कि बैकलॉग के पद भरने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एक लाख सरकारी भर्तियाँ की जाएंगी। शासकीय सेवा के अतिरिक्त, रोजगार के वैकल्पिक अवसर भी हमें ढूंढ़ने होंगे। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में युवाओं को उद्योग आरंभ करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। योजना में बैंक लोन उपलब्ध कराया जाएगा और गारंटी राज्य सरकार देगी। इसके साथ ही स्ट्रीट वैंडर योजना तथा स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग से भी स्व-रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

सीएम ने मैं नशा मुक्ति का पक्षधर हूँ। हमें वास्तविकता स्वीकार करनी होगी। मदिरा बनाना जनजातीय समुदायों में परंपरागत रूप से रचा बसा है। अतः इसका वैधानिक अधिकार देने के लिए आबकारी नीति में आवश्यक बदलाव किया जाएगा। हेरिटेज लिकर को प्रोत्साहित करने के भी प्रयास होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लघु वनोपज का समर्थन मूल्य तय करने से लाभ हुआ है। राज्य सरकार लघु वनोपज विक्रय के विकेंद्रीकरण पर भी विचार कर रही है। विक्रय का अधिकार वन समितियों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट को चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा। जनजातीय भाई-बहनों को अधिकार देने होंगे, इसी से कल्याण होगा। मुख्यमंत्री ने जनजातीय गौरव संवाद में कहा कि मैं आपके सेवक के नाते विकास के कार्यों में कोई कसर नहीं छोडूंगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय समाज के नायकों ने देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए कई बलिदान दिए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे सभी महान शहीदों के जन्म स्थल और बलिदान स्थलों पर स्मारक विकसित किए जा रहे हैं। जनजातीय गौरव संवाद में आदिवासी मंत्रणा परिषद के सदस्य डॉ. रूप नारायण मांडवी, कालू सिंह मुजाल्दा, बैतूल के समाजसेवी डॉ. महेंद्र चौहान, खंडवा की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दीपमाला रावत और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार रोशनी व्याम ने अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत उद्बोधन आयुक्त जनजातीय संजीव सिंह और आभार सहायक आयुक्त नरोत्तम बरकड़े ने माना।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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