सिंधिया की सुरक्षा में बड़ी चूक, मूकदर्शक बन देखती रही पुलिस

Shruty Kushwaha
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सुरक्षा में ग्वालियर में बड़ी चूक सामने आई है। सिंधिया के काफिले को रोककर NSUI के कार्यकर्ताओं ने न केवल उन्हें ज्ञापन सौंपा बल्कि बेशर्म के फूलों की माला भी पहना दी। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने सारा घटनाक्रम देखते रहे।

सिंधिया का घर में ही विरोध, अब NSUI ने दिये बेशर्म के फूल और बेशर्म की माला

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर दौरे के दौरान शनिवार को उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। दरअसल सिंधिया का काफिला ग्वालियर से एयरपोर्ट की तरफ जा रहा था तभी गोला के मंदिर चौराहे के पास लगभग एक दर्जन युवाओं ने उनके काफिले को रोक लिया। यह सभी युवा एनएसयूआई के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं जिन्होंने न केवल काफिले को रोका बल्कि सिंधिया को एक ज्ञापन दिया और उन्हें बेशर्म के फूलों की माला भी पहना दी। हैरत की बात यह है कि उस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने सारा घटनाक्रम देखता रहे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था प्राप्त है और ऐसी महत्वपूर्ण सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ इस तरह का घटनाक्रम पुलिस की निष्क्रियता पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य कृष्णा घाटगे ने सिंधिया के काफिले में हुई इस तरह की घटना पर गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि सिंधिया जी के साथ इस तरह का घटनाक्रम समझ से परे है और यह साफ तौर पर दिखाता है कि पुलिस ने अपना काम पूरी ईमानदारी से नहीं किया। इस पूरे मामले में एक और हैरतअंगेज बात सामने आई है कि एनएसयूआई का एक कार्यकर्ता अभी कुछ दिन पहले ही गंभीर आपराधिक मामले में जमानत पर रिहा होकर बाहर आया था। आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी के राजनेताओं के काफिले में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए न केवल पुलिस का मुखबिर तंत्र सक्रिय रहता है बल्कि किसी भी स्थिति में इस तरह की घटनाओं को होने नहीं दिया जाता। लेकिन अपने ही गृह नगर में सिंधिया के साथ हुई इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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