MP Teacher News : मध्य प्रदेश के आयुर्वेद, सिद्धा और यूनानी(आयुष) कालेजों में पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर नई व्यवस्था की है, इसके तहत नियमित उपस्थिति की जगह अगर कागजों में नाम दर्ज पाया गया तो उन्हें 3 वर्ष तक नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा।
आयोग ने प्राचार्यों को भेजा पत्र
इतना ही नहीं उनका टीचर कोड भी निलंबित कर दिया जाएगा, जिसके बाद वे कहीं भी नौकरी नही कर सकेंगे। इसको लेकर एनसीआइएसएम ने सभी कालेजों के प्राचार्य अथवा डीन को पत्र भेजा है। नए आदेश में कानूनी कार्रवाई का प्रविधान यथावत है, लेकिन टीचर कोड निलंबित रखने की अवधि बढ़ाई गई है।वही छह माह का वेतन जमा करने का प्रविधान हटा लिया गया है। बता दे कि देशभर में आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा के 550 से ज्यादा कालेज हैं।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई, टीचर कोड होगा निलंबित
यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले वर्ष 2022 में भी एनसीआइएसएम ने इस संबंध में नियम जारी किए थे, जिसमें कहा गया था था कि कॉलेजों में टीचिंग फैकल्टी सिर्फ कागजों में मिला तो 1 वर्ष के लिए टीचर कोड निलंबित किया जाएगा, जिसके बाद इस अवधि में कहीं नौकरी नहीं कर पाएगा। इतना ही नहीं उसे 6 माह का वेतन भी लौटाना होगा जो एनसीआइएसएम के पास जमा होगा।वही चिकित्सा शिक्षकों के लिए कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था, लेकिन नए आदेश में टीचर कोड निलंबित रखने की अवधि बढ़ाने के साथ 6 माह का वेतन जमा करने का प्रविधान हटा लिया है।