भोपाल डेस्क रिपोर्ट। दसवीं के विद्यार्थियों (Students) का गणित व अंग्रेजी (Mathematics And English) का रिजल्ट (Result) बिगड़ने के बाद अब बेस्ट ऑफ फाइव योजना (Best Of Five Skim) समाप्त होगी। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने का प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के पास भेज दिया है। यह प्रस्ताव अंतिम निर्णय के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan) के पास गया है।
परिणाम सुधारने बेस्ट ऑफ फाइव लागू की थी
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) की दसवीं परीक्षा परिणाम 3 साल पहले तक 50 फ़ीसदी के आसपास आ रहा था। 3 साल पहले दसवीं में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए थे। इसे देखते हुए पढ़ाई का स्तर सुधारने के बजाय स्कूल शिक्षा विभाग ने परिणाम सुधारने के लिए हेरा फेरी शुरू कर दी। रिजल्ट सुधारने के लिए विभाग ने दसवीं में एक विषय को ही अघोषित रूप से कम कर दिया। इसे बेस्ट ऑफ फाइव का नाम दिया गया। इसके तहत विभाग दसवीं में पूरे 6 विषयों की परीक्षा लेगा। इनमें जिन पांच विषयों में छात्रों के सबसे ज्यादा नंबर होंगे उस आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इससे दसवीं का परिणाम बढ़ जाएगा।
गणित और अंग्रेजी में विद्यार्थियों की रुचि हुई कम
बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू होने के बाद बीते 2 साल 2018-19 और 2019-20 में दसवीं का परिणाम बढ़ा, लेकिन खास बात यह रही कि करीब आधे विद्यार्थी गणित में फेल हो गए। बेस्ट ऑफ फाइव लागू होने के बाद दसवीं के विद्यार्थियों ने गणित विषय में रुचि कम कर दी। इसके बाद अंग्रेजी विषय को भी ज्यादा महत्व नहीं दी। इसे देखते हुए माशिमं (Madhya Pradesh Board of Secondary Education) ने बेस्ट ऑफ फाइव को बंद करने का निर्णय लिया है। बेस्ट ऑफ फाइव को बंद करने का प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग के पास भी भेज दिया है। यहां से प्रस्ताव सीएम कार्यालय पहुंच गया है। अब बेस्ट ऑफ फाइव को बंद करने का अंतिम निर्णय सीएम लेंगे।
4 लाख विद्यार्थी गणित में फेल
माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) वर्ष 2019 20 की दसवीं में बेस्ट ऑफ फाइव होने के कारण अधिकांश विद्यार्थियों ने गणित विषय की तैयारी में ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह निकला कि दसवीं के गणित विषय में आठ लाख 81 हजार विद्यार्थियों में से करीब 4 लाख विद्यार्थी फेल हो गए थे। जबकि अंग्रेजी में ढाई लाख विद्यार्थी फेल हुए थे।
10 वीं की वर्ष 2018-19 के परिणाम
वर्ष 2018 19 की दसवीं की गणित में आठ लाख 54 हजार विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें दो लाख 93 हजार विद्यार्थी फेल हो गए थे।