ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे (Congress Candidate Suresh Raje) से 7 हजार से ज्यादा वोटों से हारी ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की कट्टर समर्थक और डबरा विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी (Imrati Devi) का बड़ा बयान सामने आया है।इमरती देवी ने दावा किया है कि अगर उन्हें दोबारा टिकट मिला तो फिर से चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा- इस उपचुनाव में मैंने BJP के वोट डबल कर दिए
ग्वालियर में आज मीडिया से चर्चा करते हुए इमरती देवी ने कहा कि डबरा (Dabra Assembly Seat) कांग्रेस की सीट थी चाहे विधानसभा (MP Assembly Election) हो या लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) हो, लेकिन फिर भी मैंने 30,000 से ज्यादा नहीं गई, मैंने बीजेपी के वोट (Vote) डबल कर दिए, मेरी तो जीत हुई है हार नहीं।बीजेपी को जहां डबरा से पहले 4 वोट मिलते थे, वहां से मैंने 400 वोट लाए। इस दौरान इमरती ने अपनी हार और गलती भी स्वीकार की और कहा कि मैं हार की जिम्मेदारी लेती हूं और जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं। मानती हूं कि कुछ गलतियां मुझसे हुई होंगी , जिसके चलते मुझे हार का सामना करना पड़ा।
वही बड़े नेताओं का बचाव करते हुए इमरती देवी ने कहा कि दुनिया कुछ भी कहे, लेकिन मेरे लिए हमारे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) जी और महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बहुत काम किया है और मेहनत की।कहने वाले तो कहते हैं, इमरती बिकी है लेकिन सच तो ये है कि मेरे साथ भितरघात हुआ है, मेरी कमी रही होगी इसलिए चुनाव हार गई, अगर पार्टी ने दोबारा से टिकट दिया तो फिर से चुनाव लड़ूंगी और भारी मतों से जीतूंगी।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित मानी जाने वाली डबरा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे ने शिवराज सरकार (Shivraj Government)में बाल विकास मंत्री इमरती देवी को 7663 वोटों से हराया है। इमरती देवी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सबसे कट्टर समर्थकों में से एक मानी जाती हैं और पूरे उपचुनाव के प्रचार के दौरान वह अपने बयानों से सुर्खियों में रही थी फिर चाहे कलेक्टरों को लेकर हो या फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) को लेकर। खास बात तो ये है कि इस सीट पर बीजेपी के कई दिग्गजों ने दम दिखाया था और कमलनाथ के आइटम (Item) वाले बयान तक को मुद्दा बनाकर कांग्रेस (Congress) को घेरने की कोशिश की थी, लेकिन जनता पर इसका कोई जादू नही चला और राजे इमरती देवी को टक्कर देने में कामयाब हुए।