नगरीय निकाय चुनाव : महापौर की कुर्सी पर BJP-कांग्रेस की नजर, चर्चा में इन नेताओं के नाम

नगरीय निकाय चुनाव

इंदौर, आकाश धोलपुरे। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections) पर अब सियासी पारा चढ़ेगा। हालांकि नगरीय निकाय के चुनावों की तारीखों का एलान भले ही न हुआ हो लेकिन आरक्षण की प्रक्रिया के बाद इंदौर में महापौर के पद को लेकर सियासी गलियारों में कई नेताओं के चेहरे पर चमक ला दी है।

दरअसल, इंदौर (Indore) में गहमा गहमी इसलिए बढ़ गई है क्योंकि इंदौर में महापौर (Indore Mayor) का पद अनारक्षित हो गया है। ऐसे में 20 साल पहले कांग्रेस (Congress) के महापौर की जीत को याद करते हुए कांग्रेस के कई दिग्गज ताल ठोंकने को तैयार है। पिछले चुनावों की बात करे तो प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) पर बीते 4 बार से बीजेपी के महापौर और परिषद पर भी बीजेपी (BJP) का ही कब्जा है। इंदौर में बीते 2 दशक में बीजेपी की ओर से कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya), उमा शशि शर्मा, कृष्णमुरारी मोघे और मालिनी गौड़ (Malini Gaur) महापौर रहे है। इनमे सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत इंदौर विधायक मालिनी गौड़ ने पिछली दफा हासिल किया था। महापौर पद के लिये 2015 में 10,28,618 मतों में से मालिनी गौड़ बीजेपी ने 6,58,538 मत हासिल कर 64 फीसदी वोट हासिल कर कांग्रेस की अर्चना जायसवाल को 2,86,360 वोट से मात दी थी।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)