भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मुरैना महापौर अशोक कुमार अर्गल का कांग्रेस में जाना लगभग तय हो गया है। वे पिछले चार दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। संभवत जल्द ही उनकी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुकालात होना है। अभी कांग्रेस में मंथन चल रहा है कि अर्गल को भिंड या मुरैना में से कौनसी सीट से चुनाव लड़ाया जाए।
भाजपा का भिंड से टिकट तय होते ही अर्गल ने बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया था। मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने अर्गल से संपर्क कर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात कराई। कई दौर की बैठक के बाद अर्गल का कांग्रेस में जाना तय है। जल्द यह तय हो जाएगा कि वे कांग्रेस के टिकट पर भिंड-मुरैना में से कौनसी सीट से उतरेंगे। वे दोनों सीट से सांसद रह चुके हैं।
खुद के लिए एक हो जाते हैं भाजपा नेता
अर्गल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए कहा कि नेता खुद के स्वार्थ के लिए एक हो जाते हैं, उनके पास कार्यकर्ता से मिलने का समय नहीं है। कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही है। भाजपा में कार्यकर्ता का सिर्फ इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे मुरैना से महापौर हैं, कांग्रेस से चुनाव लडऩे पर यदि नैतिकता की बात आती है तो वे तत्काल महापौर पद से इस्तीफा दे देंगे।
किसी भाजपा नेता ने नहीं की बात
अर्गल ने कहा कि भाजपा के किसी भी वरिष्ठ नेता ने उनसे चर्चा नहीं की है। जबकि उन्होंने भिंड लोकसभा सीट से टिकट की मांग की थी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क भी साधा था। यहां बता दें कि अर्गल के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा को मुरैना-भिंड दोनों सीटों पर नुकसान का खतरा है।
पांच बार सांसद रहे अर्गल
अर्गल 1996, 1998, 1999 और 2004 में मुरैना से स���ंसद चुने गए| परिसीमन के बाद, भिंड एससी-आरक्षित सीट बन गई और अर्गल को मुरैना से स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने 2009 में भिंड जीता और लगातार पांचवीं बार लोकसभा गए। हालांकि, 2014 में उन्हें भाजपा के उम्मीदवारों की सूची से हटा दिया गया था। इस बार भी पार्टी ने अर्गल को छोड़कर भिंड में संध्या राय को मैदान में उतारा है| वहीं अर्गल के पिता भी मुरैना से ही सांसद रह चुके हैं।