मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता जमा खान ने ट्रस्ट एवं सुन्नी सेंट्रल बक्फ बोर्ड को एक पत्र लिखकर मांग की है कि अयोध्या धनीपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन 9 नवंबर 2019 के आदेश के तहत दी गई है, उस जमीन पर बाबर का नाम न रखा जाए, बल्कि उसके स्थान पर अन्य नाम रखें।
भाजपा प्रवक्ता जमा खान ने अपने पत्र के जरिये आग्रह किया है कि जमीन में जो भी निर्माण कार्य हो रहा है, उससे कोई आपत्ति नहीं है। जमा खान ने मांग की है कि जमीन पर बाबर का नाम ना रखा जाए क्योंकि यह बात साफ तौर पर है कि बाबर ना तो हिंदुस्तान का था और ना ही मुसलमान का आइडियल था। जबकि बाबर के बाद आने वाला वंश हमारा हिंदुस्तानी मुसलमानों का आइडियल रहा है। यह हिंदुस्तान का रिवाज है जब भी हम नए एवं अच्छे कार्य की शुरुआत करते हैं तो बरकत वाले नाम का चयन करते हैं, जिससे उस नाम की बरकत आने वाली नस्लों को मिलती है।
जमा खान ने ट्रस्ट एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड इंडिया को सुझाव दिया है कि हिंदुस्तान में ख्वाजा मोहिद्दीन चिश्ती, हजरत निजामुद्दीन औलिया, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मौलाना, मोहम्मद अली जौहर, अशफाक उल्ला खान जैसे नामों पर विचार करें क्योंकि इन नामों से कौमी एकता के मर्कस का नाम रखा जाता है। यह वह नाम है जिनमें सभी धर्मों के लोग को शिफा मिलती है, शिक्षा मिलती है और बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
जमा खान ने कहा है कि हमारा जो मकसद है वह हिंदुस्तान को एक शक्तिशाली एवं समृद्ध राष्ट्र बनाने का होगा। वही जमीन के एक हिस्से में बनाई जा रही लाइब्रेरी को लेकर भी जमा खान ने सुझाव दिया है कि लाइब्रेरी में अगर सभी धर्मों की किताब शामिल की जाएगी तो सभी धर्म के लोगों को अच्छी तालीम मिलेगी और जो बच्चे हमारा भविष्य है वो इस पुस्तकालय के जरिये देश की कौमी इतिहास को मजबूत कर सकेंगे।