भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश जहां कोरोना वायरस (Corona virus) से पहले ही परेशान है तो वही आप लोगों की पड़े परेशानी बढ़ाने के लिए एक और मुसीबत सामने आ गई है और उसका नाम है ‘ब्लैक फंगस’ (Black fungus) जिसे म्यूकरमायकोसिस (Mucormycosis) के नाम से भी जाना जाता है। कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के लिए या संक्रमण जानलेवा माना जा रहा है अब तक देश में इससे कई लोगों की जान भी जा चुकी है वही ऐसे में सरकार ने इससे बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि यह किस तरह से होता है इसके क्या लक्षण है और आप उसे किस तरह से बच सकते हैं।
यह भी पढ़ें… Indian Railway: यूपी-बिहार समेत इन राज्यों के लिए 40 ट्रेनें शुरु, 10 मई से बुकिंग
क्या है ब्लैक फंगस (म्यूकरमायकोसिस)
एक बहुत ही दुर्लभ संक्रमण है जो फफूंद के कारण होता है जो म्यूकर (Mucor) फफूंद के कारण होता है, आमतौर पर यह फफूंद मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पढ़ाता है, विशेषज्ञों का मानना है कि यह फंगस हर जगह होती है मिट्टी में और हवा में यहां तक की स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी या फंगस पाई जाती है। मरीजों के नाक आंख और कभी कभी दिमाग पर भी फैल सकता है। सबसे ज्यादा खतरनाक बात यह है कि इस संक्रमण से इफेक्टेड होने पर मृत्यु दर 50 फ़ीसदी तक होती है ।
इस तरह करें ब्लैक फंगस के लक्षणों की पहचान
•नाक बंद होना
•आंख और नाक के पास दर्द और लाल होना
•बुखार, सर दर्द, खांसी
•सांस फूलना और खून की उल्टियां होना
•मानसिक रूप से अस्वस्थ होना
•कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा होना
किन लोगों को है इसका सबसे ज्यादा खतरा
आईसीएमआर (ICMR) की एडवाइजरी में कहा गया है कि ब्लैक फंगस उन लोगों पर हमला करता है जो किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं और लगातार दवाइयां ले रहे हैं और जिनकी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। जैसे – अनियंत्रित शुगर वाले मरीज, या वो मरीज जो किसी गंभीर बीमारी जैसे एड्स (AIDS) या कैंसर (Cancer) से पीड़ित है उन पर इसका ज्यादा खतरा है, वही कोरोना मरीज जिन्हें ठीक करने के लिए स्टेरॉइड के इस्तेमाल किया का जा रहा है उनके लिए भी यह संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है। डॉक्टर्स बतातें है कि स्टेरॉइड का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के फेफड़ों में सूजन को कम करने के लिए क्या जाता है और जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अति सक्रिय हो जाती है तो उस दौरान शरीर को कोई नुकसान होने से रोकने के मदद के लिए इसका इस्तेमाल होता है जिसके कारण डायबिटीज या बिना डायबिटीज वाले मरीजों में शुगर का स्तर बढ़ जाता है वही इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ने के कारण इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है ।
इस तरह करें खुद का बचाव
आईसीएमआर के एडवाइजरी के मुताबिक ब्लैक फंगस से बचने के लिए किसी भी धूल वाली जगह पर बिना मास्क के नहीं जाएं, वही गार्डनिंग या मिट्टी का काम करते वक्त जूते, हाथ में ग्लव्स और ढके हुए कपड़े जरूर पहने, वही रोजाना नहाए और अपने शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
अगर हो गए हैं ब्लैक फंगस का शिकार तो घबराएं नहीं इन चीज़ों को करें फॉलो
अगर आप इस संक्रमण के शिकार हो गए हैं, तो घबराने की जगह संक्रमण से लड़ने पर विचार करें और अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करें। आईसीएमआर के अनुसार सबसे पहले अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने की कोशिश करनी चाहिए अगर जो व्यक्ति कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुका है तब भी उसका लगातार ब्लड शुगर लेवल की जांच लगातार होनी चाहिए। इसके अलावा सबसे जरूरी बात यह है कि एंटी बायोटिक्स, एंटीफंगल दवा और स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Evidence based Advisory in the time of #COVID-19 (𝐒𝐜𝐫𝐞𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠, 𝐃𝐢𝐚𝐠𝐧𝐨𝐬𝐢𝐬 & 𝐌𝐚𝐧𝐚𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐌𝐮𝐜𝐨𝐫𝐦𝐲𝐜𝐨𝐬𝐢𝐬) @MoHFW_INDIA @PIB_India @COVIDNewsByMIB @MIB_India #COVID19India #IndiaFightsCOVID19 #mucormycosis #COVID19Update pic.twitter.com/iOGVArojy1
— ICMR (@ICMRDELHI) May 9, 2021