भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष (New Financial Year) शुरू हो गया है। एक अप्रैल से देश में कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में घरेलू गैस सिलेंडर (Domestic Gas Cylinder) 10 रूपए सस्ता और कमर्शियल गैस सिलेंडर (Commercial gas cylinder) 26.50 रूपए बढ़ गया है। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम घटकर 815 रूपए हो गए और कमर्शियल गैस सिलेंडर 1648 रूपए हो गए है।
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मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Central Region Power Distribution Company) द्वारा एक अप्रैल से कंपनी कैश काउंटर (cash counter) बंद किए जा रहे हैं। उपभोक्ता अब एमपी ऑनलाइन (Mp online), कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center), एटीपी मशीन (ATP machine) एवं पीओएस मशीन (Pos machine) के द्वारा नगद भुगतान कर सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान (online payment) करने पर उपभोक्ताओं को 5 से 20 रूपए तक की छूट मिलेगी।
ऑनलाइन ई-साइन प्रक्रिया लागू
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में फर्म्स एवं संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन प्रस्ताव ई-साइन (E-Sign) से ऑनलाइन पेश किए जा सकेंगे। एक अप्रैल से यह नई प्रक्रिया लागू हो गई है। रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं आलोक नागर के मुताबिक एक अप्रैल 2021 से ऑनलाइन आवेदनों की प्रक्रिया में आंशिक रूप से संशोधन किया गया है। हार्ड कॉपी पर हस्ताक्षर करने के स्थान पर ऑनलाइन ई-साइन कर प्रस्तुत करने की प्रक्रिया की गई है। ई-साइन से प्राप्त आवेदनों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र ऑनलाइन जारी किया जाएगा।
बदलेगी चेक बुक
मध्यप्रदेश बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (Madhya Pradesh Bank Employees Association) के महासचिव वीके शर्मा के अनुसार, देना बैंक, विजया बैंक, आंध्रा बैंक, कॉपरेशन बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स. यूनाइटेड बैंक और इलाहाबाद बैंक की पुरानी चेक बुक एक अप्रैल से मान्य नहीं होगी। जिन खताधारकों का इन बैंकों में खाता है वे बैंकों में जाकर नई चेक बुक प्राप्त कर लें, जिससे बैंकिंग संबंधी कामकाज आसानी से हो सके।
प्री-फिल्ड आईटीआर
सीए जैन के मुताबिक आयकर विभाग (Income tax department) ने अब प्री फिल्ड आईटीआर की व्यवस्था शुरू की है। एक अप्रैल से आईटीआर फार्म प्री-फिल्ड हुआ मिलेगा। यानि आयकर विभाग के पास जो डाटा पहले से उपलब्ध है वह सभी जानकारी आपके आईटीआर में पहले से भरी हुई मिलेगी।
ई-इनवायस जरूरी
बिजनेस टू बिजनेस (Business to business) के तहत 1 अप्रैल से उनके लिए ई-इनवायस (E-invoice) जरूरी हो जाएगा, जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रूपए से अधिक है। इसके साथ रिटर्न भरने को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्रोत पर कर कटौती नियमों को सख्त किया है। जो रिटर्न नहीं भरेगा उसे 1 अप्रैल के बाद दोगुना टीडीएस भरना पड़ेगा।