भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नए साल से शुरु हुआ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) का मंत्रियों से चाय पर चर्चा का सिलसिला लगातार जारी है। इस दौरान मुख्यमंत्री, मंत्रियों से उनके विभागों के बारे में जानकारी लेते है और भविष्य के लिए इनोवेटिग आईडिया भी पूछते है। इसी कड़ी में आज बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव (Minister Dr. Mohan Yadav) ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और अपनी योजना बताई। मंत्री ने 2014 में शुरु की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना (Sansad Adarsh Gram Yojana) की तर्ज पर महाविद्यालयों द्वारा एक एक गांव गोद लेने की बात कहीं।
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चाय पर चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वर्तमान में चल रही उच्च शिक्षा विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन और नई योजनाओं के बारे में बताया। चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने विगत 10 माह से विभाग द्वारा किए गए कार्यों की संक्षिप्त एवं संख्यात्मक जानकारी भी दी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी ग्राम को गोद लेकर महाविद्यालयीन विद्यार्थी (College Student) सेवा कार्यों का संचालन करेंगे। इसके पहले राष्ट्रीय सेवा योजना (National service Scheme) की इकाईयां आंशिक तौर पर ऐसी सीमिति गतिविधियां करती रही हैं। अब समग्र ग्राम विकास को केंद्र में रखकर कार्य किया जाएगा। इसके तहत विश्वविद्यालय और कॉलेज (University and College) एक पिछड़ा गांव को गोद लेंगे और उनका विकास करेंगे।
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इससे दो फायदे होंगे। पहला कॉलेज के प्रिंसिपल खुद गांव जाकर सामाजिक कुरीतियां दूर करने में अहम भूमिका निभाएंगे और मध्य प्रदेश सरकार की योजनाएं (Madhya Pradesh Government Schemes) कहां तक पहुंच रही है और अगर नहीं पहुंच रही है तो कैसे गांव गांव तक पहुंचाया जाए, इसकी पड़ताल करेंगे। इसमें महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी बढ़ चढ़ हिस्सा लेंगे, ताकी युवाओं के माध्यम से समाज में एक मैसेज जाए। इन गांवों में समग्र ग्राम विकास को केंद्र में रखकर काम किया जाएगा।
इस मौके पर मंत्री डॉ. यादव ने #COVID19 काल में उच्च शिक्षा की व्यवस्थाओं और इस वर्ष आगामी परीक्षाओं (College Exams) को देखते हुए किए जा रहे प्रबंधों की भी जानकारी दी। डॉ. यादव ने जानकारी दी कि क्षेत्र विशेष के विकास और सामाजिक कुरीतियों की समाप्ति के लिए अब महाविद्यालय भी आगे आएंगे। कोरोना काल में उच्च शिक्षा की व्यवस्थाओं और इस वर्ष आगामी परीक्षाओं को देखते हुए किए जा रहे प्रबंध की भी जानकारी दी गई।
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मीडिया से चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति (New Education Policy) में रोजगार (Employment) मूलक पशुपालन, कृषि जैसे सब्जैक्ट भी शामिल करने की तैयारी कर रहे है, ताकी उच्च शिक्षा में प्लेसमेंट ज्यादा से ज्यादा हो। नई नीति के गठित करने का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राएं केवल डिग्री लेने के लिए कॉलेज ना जाए, बल्कि उन्हें रोजगार मिले। इसको लेकर मुख्यमंत्री से बात हुई है। रोजगार को देखते हुए प्रदेश भर के प्राइवेट कॉलेज (Private college) का एक सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया जाएगा।
गुणवत्ता पर पूरा ध्यान
मुख्यमंत्री चौहान को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कोरोना काल में उच्च शिक्षा की व्यवस्थाओं और इस वर्ष परीक्षाएँ लेने की अनुमति प्राप्त होने के बाद किए जा रहे आवश्यक प्रबंधों की जानकारी दी। डॉ. यादव ने बताया कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। विभाग द्वारा प्रत्येक संस्थान में शिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है।
स्व-रोजगार के लिए तैयार करेंगे नए पाठ्यक्रम
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि कुछ अन्य नवाचार भी किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग कुछ ऐसे पाठ्यक्रम शुरू करेगा जो ग्रामीण युवाओं को स्व-रोजगार और विभिन्न संस्थाओं में प्लेसमेंट के लिए तैयार करेंगे। इससे सरकारी नौकरी पर निर्भरता को घटाया जा सकेगा। विशेष रूप से कृषि और पशुपालन से संबंधित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री डॉ. यादव द्वारा जनजातीय बहुल क्षेत्रों और पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए उच्च शिक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी गई।