भोपाल| मुख्यमंत्री कमलनाथ को डाकू कहने वाले शिक्षक पर गाज गिरने के बाद एक नया मोड़ आ गया है| खुद सीएम ने शिक्षक को उसके द्वारा की गई टिप्पणी पर माफ़ कर दिया है| साथ ही जिला प्रशासन को शिक्षक का निलंबन अविलम्ब समाप्त करने के निर्देश भी दिए हैं| जबलपुर के शासकीय बुनियादी स्कूल के प्रधानाध्यापक मुकेश तिवारी को वीडियो वायरल होने के बाद जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज ने उन्हें निलबिंत कर दिया था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जारी बयान में कहा है मुझे अभी ज्ञात हुआ है कि प्रदेश के जबलपुर में एक शासकीय स्कूल में पदस्थ एक प्राध्यापक ने एक बैठक में मेरा नाम लेकर डाकू शब्द कहे, जिसका वीडियो सामने आया और ज़िला प्रशासन ने शिकायत मिलने पर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम के तहत निलंबित किया है। उन्होंने कहा लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है , मेरा ऐसा मानना है।मैं सदैव इसका पक्षधर रहा हूँ। यह भी सही है कि शासकीय सेवा में पदस्थ रहते हुए उनका यह आचरण नियमो का उल्लंघन हो सकता है , इसलिये उन पर निलंबन की कार्यवाही की गयी है। लेकिन में यह सोचता हूँ कि इन्होंने इस पद पर आने के लिये कितने वर्षों तक तपस्या , मेहनत की होगी। इनका पूरा परिवार इन पर आश्रित होगा। निलंबन की कार्यवाही से इन्हें परेशानियो से गुज़रना पढ़ सकता है। उन्होंने कहा एक मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी से इन पर निलंबन की कार्यवाही की जाये , यह नियमो के हिसाब से सही हो सकता है लेकिन में व्यक्तिगत रूप से इन्हें माफ़ करना चाहता हूँ।में नहीं चाहता हूँ कि इन पर कोई कार्यवाही हो।
माफ़ी के साथ नसीहत
सीएम ने कहा एक शिक्षक का काम होता है , समाज का नवनिर्माण करना। विद्यार्थीयो को अच्छी शिक्षा देना। उम्मीद करता हूँ कि वे भविष्य में अपने कर्तव्यों पर ध्यान देंगे। उन्होंने कहा मेंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिये है कि इनका निलंबन अविलंब समाप्त हो। इन पर कोई कार्यवाही ना की जाये। वह ख़ुद तय करे कि जो इन्होंने जनता की चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री के लिये जो कहा है , क्या वह सही है ?
यह है मामला
शासकीय स्कूल के प्रधानाध्यापक का कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते नज़र आ रहे हैं उन्हें डाकू कहते सुनाई दे रहे थे | इसके बाद कांग्रेस ने इस वीडियो पर कड़ी आपत्ति भी जताई और मामले में संबंधित शिक्षक के खिलाफ वैधानिक करवाई और उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग कलेक्टर से की गई थी। कांग्रेस नेताओं ने इस वीडियो की सीडी बनाकर भी जिला कलेक्टर को सौंपी थी साथ ही प्रिंसीपल मुकेश तिवारी के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने की मांग की गई थी। जिसके बाद कलेक्टर ने शिक्षक मुकेश तिवारी को सस्पेंड कर दिया| कांग्रेस नेताओं की मांग पर शिक्षक को सस्पेंड किया गया, वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब शिक्षक का निलंबन समाप्त किया जा रहा है|