भोपाल। मध्य प्रदेश में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकार ने जिम्मेदारों को चेतावनी दी है। अगर हालात जल्द ठीक नहीं किए गए तो जिम्मेदार अफसर और डॉक्टर पर गाज गिरना तय है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पताल में मरीजों के इलाज में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की दाएगी। उन्होंने इसको लेकर कड़ा रुख अपनाया है और साफ कर दिया है कि अब प्रदेश में नई सरकार आ गई है लिहाजा किसी भी तरही ही कोई लापरवाही पेशेंट को किसी भी प्रकार की परेशानी, अव्यवस्थाएं, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने डॉक्टरों को अपनी मानसिकता बदलने की चेतावनी भी दी है।
मुख्यमंत्री नाथ ने प्रदेश के मुख्य सचिव को इस बारे में निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि मरीज़ों को इलाज के लिये समय पर बेड नहीं मिलना, समय पर इलाज नहीं होना, स्ट्रेचर सहित आवश्यक संसाधनों का सही समय पर नहीं मिलना, बहनो की प्रसूति में लापरवाही की घटनाएँ, आवश्यक दवाइयाँ नहीं मिलना, डॉक्टर्स की ग़ैरमौजूदगी, समय पर एंबुलेंस का नहीं मिलना ,जिससे मरीज़ों को होने वाली परेशानियो सहित मरीज़ों से संबंधित लापरवाही के किसी प्रकार के मामले मैं बर्दाश्त नहीं करूँगा। अस्पताल प्रशासन व ज़िम्मेदार डॉक्टर्स अपने रवैये में सुधार लाये।अपनी मानसिकता बदले। अन्यथा अगली कड़ी में कार्यवाही के लिये तैयार रहे। समय- समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी होगा। हर व्यवस्था को सुचारू करे। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स और स्टाफ के साथ साधनों की कमी पर भी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौपे और जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू करवायी जाये।प्रदेश पर स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में लगे बदहाली के दाग़ को हमें धोना है।
प्रदेश की जनता को सत्ता परिवर्तन का बदलाव दिखना चाहिये।सरकारी अस्पतालों में ग़रीबों को निशुल्क बेहतर इलाज मिले , यह सुनिश्चित हो।सरकारी अस्पताल अव्यवस्थाओं के अड्डे ना बनकर बेहतर इलाज का स्थान बने। मरीज़ों को इलाज के लिये भटकना ना पढ़े। यह सरकार ग़रीबों के हितो वाली सरकार है , इसमें ग़रीबों के इलाज में लापरवाही या किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।