MP : कांग्रेस प्रत्याशी की चिट्ठी से मचा हड़कंप, इन नेताओं को बताया हार का जिम्मेदार

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भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में तो आ गई| लेकिन चुनाव में अपनों ने ही प्रत्याशियों के लिए जमकर मुसीबत खड़ी की है| जिसकी शिकायत कांग्रेस की अनुशासन समिति के पास लगातार पहुँच रही है| अब राजधानी भोपाल की नरेला सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह चौहान ने समिति को पत्र लिखकर कांग्रेस नेताओं की लिखित शिकायत की है| चौहान ने पूर्व मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जहां उनकी हार हुई| इस हार के लिए चौहान ने सात नेताओं को जिम्मेदार बताया है, जिन्होंने चुनाव के दौरान पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध काम किया| कांग्रेस नेता के इस पत्र से सियासत गरमा गई है|

दरअसल, कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह चौहान ने अनुशासन समिति के अध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी के नाम पत्र लिखा है| इस पत्र में उन्होंने सीधे तौर पर सात नेताओं को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए करवाई करने की मांग की है| उन्होंने सुनील सूद, कैलाश मिश्रा, मनोज शुक्ला, संजीव सक्सेना, तौकीर निजामी, तेजू जैन, रज्जाक खान के खिलाफ शिकायत की है|  चौहान ने कहां है कि 2023 में कैसे लड़ना है यह तो तभी पता चलेगा, लेकिन इन नेताओं के कारण नरेला भाजपा का गढ़ बनता जा रहा है|  यदि इन्हें अनुशासन निष्ठा का पाठ नहीं पढ़ाया गया तो उनके क्रियाकलापों को हमेशा प्रोत्साहन मिलेगा, इसलिए इन सभी नेताओं को तत्काल पार्टी से बाहर किया जाए| 

इन नेताओं के खिलाफ शिकायत 

सुनील सूद: यह पूर्व महापौर है, दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं | बहुत आग्रह के बावजूद एक औपचारिक बैठक में शामिल हुए|  इसके बाद यह स्वयं इनके समर्थक भोजपुर में व्यस्त रहे| मतदान के 2 दिन पूर्व मेरे विरोध में सक्रिय रहे, यह समन्वय समिति के सदस्य भी है|  मेरा टिकट मिलने के समय से मेरी जमानत जप्त हो गई के बयान सार्वजनिक रूप से देते रहे|

 

 कैलाश मिश्रा : जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं, जब यह महापौर लड़े तो मैंने बीमारी के बावजूद इनका भरपूर समर्थन किया| पदयात्रा की लेकिन मेरे चुनाव में जहां से यह स्वयं दावेदार थे औपचारिक बैठक के अलावा 1 घंटे का वक्त नहीं दिया|  पूरा समय भोजपुर में रहे जबकि जिला कांग्रेस के अध्यक्ष के नाते संगठन का पूरा दारोमदार इन्हीं के कदमों पर था | संगठन का मुझे कोई भी मदद प्राप्त नहीं हुई|

मनोज शुक्ला: यह मेरे साथ ही प्रत्याशी की दौड़ में थे, आर्थिक रूप से काफी मजबूत है और सूद पर पर पैसा भी चलाते हैं|  मेरे निर्वाचन क्षेत्र में दो प्रमुख कार्यालय थे 80 फ़ीट रोड पर और एक करोंद क्षेत्र में | करोंद क्षेत्र के कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित करना, मेरे खिलाफ भड़काना, समर्थकों को शराब पीकर कार्यालय पहुंचना|  लोगों के साथ गाली-गलौज करना | हद तो तब हो गई जब इन्होंने कुछ लोगों को क्षेत्र से परिवार सहित बाहर जाने के बाद में पैसे देने की बात कही | यही नहीं 26 एवं 27 नवंबर की रात इन्होने मेरे विरोध में खुलकर काम किया| इसकी मेरे पास पुख्ता जानकारी है कि यह पैसा विश्वास सारंग ने उपलब्ध कराए थे|  

संजीव सक्सेना : सजातीय होने की वजह से संजीव सक्सेना ने सारंग के साथ मिलना, देर रात अल्पसंख्यक समाज के लोगों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा करने,  मेरे खिलाफ सारंग की मदद करने का काम किया| फलस्वरूप नरेला क्षेत्र से 10 11 के समाज के लोग निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थे इसकी जानकारी भी मैंने वरिष्ठ नेताओं को दी थी|

तौकीर निजामी : इन्होंने अपने आप को बीएसपी का उम्मीदवार बताया फिर नाम वापस लेने का नाटक किया | मुझसे ₹500000 रुपए और पद की मांग की | सिद्धू की सभा में शराब पीकर आने पर मेरे द्वारा आपत्ति की गई, पैसों की मांग पूरी करना संभव नहीं था| लेकिन प्रदेश कांग्रेस के सचिव बनाया गया, बाद में सारंग के संपर्क से आकर मेरा विरोध किया, इसका प्रमाण भी मौजूद है

तेजू जैन:  सुनील सूद के समर्थक है, प्रारंभ में छात्राएं नवजोत सिंह सिद्धू की सभा में शराब पीकर आने पर जगह नहीं मिली इसलिए उलटा मेरा विरोध किया| 

रज्जाक खान : पूर्व प्रदेश सचिव है, करोंद क्षेत्र में अल्पसंख्यक समाज के बीच खुलकर विरोध किया|

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