बेरोज़गारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा ‘मोदी सरकार का एक ही मिशन, युवाओं को बेरोज़गार रखना’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को इसलिए नकारती है क्योंकि वो उनकी लीपापोती को उजागर करती है। सरकार भले ही बेरोज़गारी पर Citigroup जैसी स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को नकार रही हो, पर सरकारी आँकड़ों को कैसे नकारेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में करोड़ों युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की ज़िम्मेदार केवल मोदी सरकार है।

Congress cornered the government : कांग्रेस ने एक बार फिर बेरोज़गारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में बेरोज़गारी को लेकर जो आँकड़े और रिपोर्टस आ रही हैं उससे साफ पता चलता है कि युवा कितने संकट में है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मिशन ही है युवाओं को बेरोज़गार बनाए रखना।

कांग्रेस ने कहा ‘बढ़ रही है बेरोज़गारी’

मोदी सरकार, भले ही बेरोज़गारी पर Citigroup जैसी स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को नकार रही हो, पर सरकारी आँकड़ों को कैसे नकारेगी। सच ये है कि पिछले 10 साल में करोड़ों युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की ज़िम्मेदार केवल मोदी सरकार है। ताज़ा आँकड़े कुछ इस प्रकार हैं – NSSO के Annual Survey of Unincorporated Sector Enterprises (ASUSE) के मुताबिक़ – 1) Manufacturing क्षेत्र में, अनिगमित (Unincorporated) इकाइयों में 7 वर्षों में 54 लाख नौकरियाँ ख़त्म हो गई हैं! (वर्ष 2015 से 2023 के बीच)। 2) 2010-11 में, पूरे भारत में 10.8 करोड़ कर्मचारी अनिगमित गैर-कृषि उद्यमों में कार्यरत थे, जो अब 2022-23 में 10.96 करोड़ हो गए है – यानि 12 वर्षों में केवल 16 लाख़ की मामूली वृद्धि। 3) ताज़ा Periodic Labour Force Survey (PLFS) सर्वे के अनुसार, शहरी बेरोज़गारी दर 6.7% पर है। (Q4, FY24)। 4) मोदी सरकार EPFO का डाटा दिखाकर औपचारिक (Formal) इकाइयों में रोज़गार सृजन का ढोल पीटती है, पर अगर हम वो डाटा सच भी मान लें तो भी 2023 में उसमें नई नौकरियों में 10% की गिरावट देखी गई है। 5) IIM लखनऊ की एक रिपोर्ट सरकारी आँकड़ों के अध्ययन के बाद बताती है कि देश में बेरोजगार वृद्धि, शिक्षितों के बीच उच्च बेरोजगारी, कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी प्रबल है। (2024) 

मोदी सरकार पर साधा निशाना

मोदी सरकार स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्टों को इसलिए नकारती है क्योंकि वो उनकी लीपापोती को उजागर करती है। 1) CMIE के मुताबिक देश में मौजूदा बेरोज़गारी दर 9.2% पर पहुँच गया है, महिलाओं में बेरोज़गारी दर 18.5% पर है। 2) ILO की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 83% बेरोजगार भारतीय युवा हैं। 3) India Employment Report 2024 के मुताबिक, 2012 और 2019 के बीच क़रीब 7 करोड़ युवा श्रम बल में जुड़े, पर रोजगार में शून्य वृद्धि हुई – केवल 0.01%! 4) Azim Premji University की 2023 रिपोर्ट के मुताबिक देश के 25 वर्ष से कम आयु के 42.3% ग्रेजुएट बेरोजगार हैं। 5) Citigroup की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में सालाना 1.2 करोड़ नौकरियों की ज़रुरत है, और 7% GDP विकास भी हमारे युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर पायेगा। मोदी सरकार के तहत देश ने औसतन केवल 5.8% GDP ग्रोथ हासिल की है। सरकारी नौकरियां हो, या प्राइवेट सेक्टर, स्वरोज़गार हो या असंगठित क्षेत्र – मोदी सरकार का एक ही मिशन है “युवाओं को बेरोज़गार बनाए रखना”।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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