महिला अपराध पर सियासी घमासान शुरू! कांग्रेस ने शेयर किए आंकड़े, कहा- शवराज बोझ है, बलात्कार रोज है’

Gaurav Sharma
Published on -
congress-leader

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार महिला अपराधों में वृद्धि (Increase in female crimes) होती जा रही है। वहीं एक ओर जहां सरकार महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की बात करती है, वहीं दूसरी ओर महिला अपराधों (Female crime cases) में बढ़ोतरी हो रही है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital of Bhopal) में इलाजरत यौन शोषण पीड़िता की मौत हो गई है, जिसे लेकर विपक्ष हमलावर हो गई है। कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी सरकार (BJP government) पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले महिलाएं अपने आपको घर के बाहर असुरक्षित महसूस करती थी, लेकिन अभी वहीं महिलाएं और लड़कियां खुद को सरकारी सुरक्षा (Government security) में भी असुरक्षित महसूस कर रही है। जिसके बाद मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में महिला सुरक्षा (Female safety) को लेकर घमासान शुरू हो गया है। वहीं कांग्रेस ने महिला अपराध (Female crime) के बढ़ते मामलों को लेकर एक आंकड़ा शेयर किया है।

यौन शोषण पीड़िता की सरकारी अस्पताल में मौत

जानकारी के अनुसार, बालिका गृह (Girl child) में प्यारे मियां केस (pyaare miyaan case) की एक पीड़िता ने 3 दिन पहले ही खूब सारी गोलियां खाकर आत्महत्या (Suicide) करने की कोशिश की थी। जिसे आनन-फानन में भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital of Bhopal) में इलाज के लिए में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान पीड़िता की हालत बिगड़ता देख उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई है। जिसके बाद से कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर हो गई है।

कांग्रेस ने शेयर की महिला अपराध के आंकड़े

कांग्रेस पार्टी (Congress party) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रदेश सरकार के खिलाफ पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने महिला अपराधों के आंकड़े बताए हैं। साथ ही बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘शवराज बोझ है, बलात्कार रोज है’। आंकड़ों में कांग्रेस ने बताया है कि मध्य प्रदेश में पिछले साल 5600 बलात्कार के मामले (Rape cases) दर्ज हुए थे, वहीं 4031 रेप की कोशिश (Attempt to rape) करने की घटना सामने आई थी, वहीं घरेलू हिंसा (Domestic violence) के मामले 54,649 थे, जबकि छेड़खानी और अपहरण (Kidnapped) के मामले क्रमशः 13,719 और 2,808 दर्ज किए गए हैं।

कांग्रेस नेत्री ने बीजेपी सरकार पर लगाया आरोप

कांग्रेस नेत्री किरण अहिरवार (Congress leader Kiran Ahirwar) ने इन्हीं आंकड़ों को आधार बनाते हुए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है और कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध (Crime against women) लगातार बढ़ता ही जा रहा है। शिवराज सरकार (Shivraj government) में महिला एवं बाल विकास मंत्री (Minister of Women and Child Development) ही नहीं है। ऐसे में सरकार का नियंत्रण अपराधों पर कम हो गया है। वहीं गृह मंत्री सिर्फ बयानबाजी करने का काम करते है। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से कहा कि महिला होने के नाते आप महिला अपराध के बढ़ते मामलों को संज्ञान में ले और सरकार से पूरी घटनाओं की रिपोर्ट ले। साथ ही इसे नियंत्रण में करने के लिए ठोस कदम भी उठाए।

बीजेपी उपाध्यक्ष सीमा सिंह ने सीएम से की ये मांग

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है। जिसमें सीमा सिंह ने कहा कि महिलाओं पर आपराधिक घटना आवश्यक रूप से चिंता का विषय है। भोपाल में हुए पीड़िता की मौत को लेकर कि यह एक बड़ी ही दुखद घटना है कि पीड़िता की सरकारी सुरक्षा में मौत हो गई। इस मामले को देखते हुए मैं सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग करना चाहती हूं कि वह ‘टिट फॉर टैट’ (जैसे को तैसा) कदम उठाए। जिससे महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर लगाम लगाया जा सके।

 


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News