सीएम शिवराज ने पूरी की कमलनाथ की मांग, मप्र में दोबारा शुरु हुई यह योजना

Pooja Khodani
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कमलनाथ

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आखिरकार 2 महिने बाद और दमोह उपचुनाव (Damoh By-election) से ठीक 7 दिन पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) की एक मांग को पूरा कर दिया है। कमलनाथ की मांग पर मध्य प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना को देखते हुए राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना (Covid-19 Warrior Welfare Plan) को फिर से लागू कर दिया है, हालांकि इसकी अवधि मई 2021 तक रखी गई है।

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दरअसल, फरवरी के अंत में पूर्व सीएम कमलनाथ ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा था कि राज्‍य सरकार ने कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना 30 अक्‍टूबर 2020 को समाप्‍त कर दी है ,जबकि राज्‍य सरकार स्‍वयं स्‍वीकार रही है कि कोरोना (Corona) पुन: लौट रहा है। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि इस योजना को निरंतर जारी रखा जाए, ताकी शासकीय कर्मियों (Government Employee) पूर्ण मनोयोग और समर्पित भावना से काम कर सकें।

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कमलनाथ की मांग और फिर मार्च-अप्रैल 2021 में तेजी से बढ़ रहे आंकड़ों को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने 2020 को कोरोना महामारी में बनी “मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना” को फिर से राज्य में लागू कर दिया है।आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश शासन ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना को 1 अप्रैल से 31 मई, तक की अवधि के लिये पुन: लागू किया है। पूर्व में यह योजना 31 अक्टूबर, 2020 तक थी।

क्या है योजना

अगर किसी कोरोना वॉरियर्स के साथ कोई हादसा होता है या उसकी जान जाती है तो राज्य सरकार 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी। इस योजना का लाभ वॉरियर्स को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत दिया जाएगा। राज्य में इस योजना का लाभ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, गृह विभाग, महिला बाल विकास विभाग एवं नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारियों को दी जाएगी। हालांकि इसके लिए परिजनों को मेडिकल रिपोर्ट लगाना आवश्यक होगा, लेकिन दुर्घटना से आकस्मिक मौत होती है तो किसी मेडिकल प्रूफ की आवश्यकता नहीं होगी। इसको लेकर शासन ने आदेश जारी कर दिया है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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