भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Maadhya Pradesh) की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव की वोटों की गिनती के बीच बड़ी खबर मिल रही है। सागर (Sagar) जिले की सुरखी विधानसभा (Surkhi Assembly Seat) पर मतगणना रोक दी गई, हालंकि थोड़ी देर बाद फिर से मतगणना शुरु हुई। कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू (Parul Sahu) की आपत्ति के बाद मतगणना रोकी गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार, एक मशीन में नंबर मिसमेच होने की बात सामने आ रही है। EVM के कंट्रोल यूनिट के नंबर में अंतर होने से काउंटिंग रोकी गई। कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने EVM के कंट्रोल यूनिट के नंबर में अंतर होने की शिकायत की । इस आपत्ति के बाद सुरखी में मतगणना (Counting) रोक दी गई है, हालांकि अधिकारियों द्वारा जांच के बाद फिर से मतगणना शुरु कर दी गई है। अबतक के रुझानों में सुरखी से बीजेपी उम्मीदवार गोविंद राजपूत बढ़त बनाए हुए हैं।
बताया जा रहा है कि चौथे राउंड में एक मतदान केंद्र की आपत्ति के उपरांत आपत्ति का त्वरित निराकरण करते हुए पांचवें राउंड की मतगणना संपन्न हुई, जिसमें गोपाल प्रसाद अहिरवार को 459, गोविंद सिंह राजपूत को 21498, पारुल साहू केसरी 11830, अली मंसूरी 141, गोविंद सिंह को 37, तुलसीरामपाल को 14, धर्मेंद्र राजपूत को 30, पुरषोत्तम अहिरवार 40, शिशुपाल यादव 41, जमील कुरैशी को 20, ठाकुर तुलसीराम सिंह दाऊ साहब को 39न मुकेश कुमार अहिरवार को 37, शिवराज सिंह पटेल सोमला को 72, सादिक हसन को 151, सफीउद्दीन को 205 एवं नोटा को 156 मत प्राप्त हुए। इस प्रकार मतगणना की प्रक्रिया कड़ी सुरक्षा के बीच निरंतर जारी है।
दूसरे राउंड के बाद अपनी जीत सुनिश्चित मानते हुए गोविंद सिंह राजपूत ने सुरखी की जनता को धन्यवाद देते हुए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि बिना किए कुछ होता नहीं और बिना करें कुछ मिलता नहीं । ये सभी की मेहनत का फल है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू से है।दूसरे राउंड तक भाजपा के गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) ने कुल 9809 मत हासिल कर निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू से 5508 वोटों की बढ़त हासिल कर ली। पारुल साहू के खाते में दूसरे राउंड की समाप्ति तक 4291 वोट आए। इनके अलावा एकमात्र अन्य प्रत्याशी ने सैकड़ा पार किया है। बीएसपी के गोपाल प्रसाद अहिरवार को 132 वोट मिले हैं।
इसलिए खास है यह सीट
सुरखी विधानसभा क्षेत्र का उप चुनाव सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र का चुनाव नहीं बल्कि पूरे अंचल को प्रभावित करने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि राजपूत की गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के करीबियों में होती है। उनकी जीत से जहां नया सियासी ध्रुवीकरण होगा तो उनकी हार से भाजपा के पुराने क्षत्रप मजबूत बने रहेंगे। वहीं पारुल साहू के जरिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उर्जा मिलेगी, इतना ही नहीं कांग्रेस की जीत से इस क्षेत्र में नया नेतृत्व उभर सकता है।बुंदेलखंड का सागर वह जिला है जहां से शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सरकार में गोविन्द सिंह राजपूत के अलावा भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) और गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) मंत्री है। यह तीनों सत्ता के केंद्र है, राजपूत के जीतने और हारने से सियासी गणित में बदलाव तय है, यही कारण है कि भाजपा में एक वर्ग राजपूत के जरिए अपनी संभावनाएं तलाश रहा है तो राजपूत के भाजपा में आने से अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे नेता नई राह की खोज में लगे है।