भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में कोविड सेल बनाए जाएंगे, इस बात के निर्देश राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने दिए है। उन्होंने सभी कुलपतियों को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित आवास में रहने के निर्देश भी दिए है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने संबंधी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए भी कहा है। राज्यपाल ने कहा कि प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निरंतर मानीटरिंग की व्यवस्था भी की जाए। शुक्रवार को राजभवन में बी.आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू, मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल, पं. एस.एन. शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल और अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपतियों के साथ विश्वविद्यालय की गतिविधियों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के दौरान उन्होने ये निर्देश दिए।
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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विशेषज्ञ कोविड की तीसरी लहर की आशंका जता रहे है। ईश्वर से प्रार्थना है कि तीसरी लहर नहीं आए। लेकिन सावधानी में कोई कमी नहीं होना चाहिए। कोविड सेल द्वारा स्थिति की निरंतर निगरानी की जाए और आवश्यक तैयारियाँ कर ली जाए। ऐसा करने से तीसरी लहर का सामना करने के लिए व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन में समस्याएँ नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर उपयोग करें। आवश्यकता होने पर तकनीकी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन और विशेषज्ञ सेवाएँ भी प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को विश्वविद्यालय परिसर स्थित आवास में ही रहना चाहिए, इससे परिसर की व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी भी होती रहेगी। कुलपति विश्वविद्यालय और समाज के प्रेरणा के केन्द्र होते हैं, उनका कार्य व्यवहार आदर्श और पारदर्शी होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि बच्चें देश के भविष्य के नागरिक हैं। उन्हें पुस्तकीय ज्ञान पर निर्भर नहीं बनाया जाए। उन्हें सामाजिक दायित्वों के प्रति भी सजग किया जाए। विश्वविद्यालय के प्राध्यापक को सामाजिक सरोकारों के संस्कार विद्यार्थियों में अपने अनुभवों और अपने व्यवहार से प्रवाहित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षित व्यक्ति से पहले परिवार फिर समाज और इसी क्रम से प्रदेश देश शिक्षित होते हैं। अत: छात्रों को शिक्षा अर्जित कर सामाजिक उत्थान के प्रयासों में योगदान की प्रेरणा भी देनी चाहिए। उन्होंने कुलपतियों को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय द्वारा जो भी पाठ्यक्रम, विषय, डिप्लोमा और प्रमाण-पत्र के कोर्स चलाये जा रहे हैं, उनमें छात्रों की अभिरूचि का भी अध्ययन किया जाए। यह जानकारी नियमित आधार पर संचालित की जाए। इससे छात्रों की अपेक्षाओं के अनुरूप कोर्स संचालित किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जो भी नए कोर्स शुरू किए जाए। उनकी व्यवसायिक उपयोगिता, शोध, अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य और व्यवहारिक महत्ता आदि के संबंध में जानकारियों का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए ताकि विद्यार्थी को विषय का चयन अपनी आवश्यकताओं के अनुसार करने में सुविधा हो।