Delhi High Court : लिव इन रिलेशनशिप में महिला खर्च करे, तो भी आपराधिक मामला नहीं

Shruty Kushwaha
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) में बलात्कार के एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि जहां दो व्यक्ति एक साथ रह रहे हैं वहां ये अपराध (Criminal Offence) नहीं होगा कि खर्च अभियोक्ता द्वारा या दोनों भागीदारों द्वारा वहन किया जाए। यदि ये खर्च महिला पार्टनर द्वारा किया जा रहा है तब भी आपराधिक प्रकरण नहीं माना जाएगा।

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न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने अभियोक्ता द्वारा दायर बलात्कार के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाला युगल रोजमर्रा के खर्च मिलकर करे या फिर एक साथी करे, ये अपराध नहीं है। बता दें कि याचिका दायर करने वाली महिला की ओर से दायर बलात्कार के मामले में ये भी आरोप लगाया गया था कि उसपर दबाव बनाकर 1,25,000 रूपये खर्च करने को कहा गया, जो आपराधिक मामला बनता है। लेकिन अदालत ने इस मामले में याचिकाकर्ता पुरुष साथी की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में जब दो पार्टनर एक साथ रह रहे हों तो ऐसा जरूरी नहीं है कि एक ही साथी खर्च वहन करेगा। यदि महिला पार्टनर या दोनों मिलकर भी खर्च उठाते हैं तो वो आपराधिक मामला नहीं बनता है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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