इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल के प्रारंभिक दौर से ही कोरोना वारियर्स (Corona Warriors) घोषित किए जा चुके एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) की घर-घर डिलेवरी करने वाले डिलेवरी बॉय एक बड़े कोरोना कुरियर की भूमिका निभा रहे हैं। जहां सरकार और प्रशासन शहर में संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए तमाम प्रयास और दावे कर रहा हैं लेकिन अब तक घर के किचन में घुसकर गैस सिलेंडर पहुंचाने वालों को लेकर लापरवाही बरती गई। जिसके परिणाम भी चिंताजनक आ रहे हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन से लेकर अन्य कई सवाल उठ रहे है जिसके जबाव किसी भी जिम्मेदार के पास नहीं है।
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दरअसल, मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की कुल आबादी 30 लाख से ज्यादा है और अनुमान के मुताबिक हर रोज करीब 35 हजार घरों में सीधे एलपीजी सिलेंडर पहुंचते है। जिनकी डिलेवरी करने के लिए शहर की 70 गैस एजेंसियों में कार्यरत 2 हजार से ज्यादा डिलेवरी बॉय करते हैं। अब जब कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार और जिला प्रशासन तमाम दावों के साथ ही प्रयास भी कर रहा है। प्रशासन ने तो इंदौर में अपना फोकस कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने पर केंद्रित करने के साथ ही शहरभर को सेनेटाइज करने और माइक्रो कंटोनमेंट जोन बनाने में लगा रखा है। वहीं दूसरी ओर घर एलपीजी सिलेंडर पहुंचाने वालो पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। शहर के 2 हजार से ज्यादा डिलेवरी बॉय और गैस एजेंसियों में काम करने वाले कर्मचारियों के वैक्सीनेशन को लेकर भी प्रशासन और सरकार सजग नजर नहीं आ रही है। लिहाजा, सवाल ये उठ रहे है कि कोरोना के फ्रंट लाइन वारियर्स का दर्जा प्राप्त डिलेवरी बॉय कहीं संक्रमण को स्प्रेड तो नहीं कर रहे हैं।
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प्रशासन और सरकार अनलॉक की कोशिशें कोरोना प्रबंधन और नियंत्रण कद फार्मूले पर कर रहे है। लेकिन इस फार्मूले में संभावित सुपर स्प्रेडर सिलेंडर डिलेवरी बॉय की ओर किसी का ध्यान अब तक नहीं गया जो एक बड़ी खामी है।
कोरोना से डिलेवरी बॉय की मौत
एलपीजी एजेंसी के संचालक पंकज जैन ने तो इस मामले में चौंकाने वाली बात बताई कि कोरोना से पिछले साल एक डिलेवरी बॉय की मौत हुई थी तब केवल 3 लाख की रुपये मदद कर प्रशासन ने अपने कर्तव्य को पूरा कर उसके बाद किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं घर घर जाने वाले डिलेवरी बॉय को लोगों से और लोगो से उसे संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में उनके टीकाकरण के लिए कोई प्रयास नहीं किये गए हैं। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत करने के बाद भी किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया है।
प्रशासन का नहीं ध्यान
इधर फेडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर ऑफ इंडिया की मप्र इकाई के अध्यक्ष सुशील जैन ने बताया कि अब 5 डिलेवरी बॉय की मौत कोरोना से हो गई है और हर एजेंसी पर करीब 3 डिलेवरी बॉय कोरोना की चपेट में आये हैं। ये ही वजह है कि वारियर्स ही कोरोना केरियर बनते जा रहे है। इस मामले में प्रशासन, मंत्री, सांसद सहित सरकार को कई दफा शिकायत की जा चुकी है लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है।
डिलेवरी बॉय के लिए नहीं कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम
डिलेवरी बॉय के रूप हर घर चूल्हा जलाने की सेवा करने वाले 2 हजार से ज्यादा लोगों के लिए अब तक कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी नहीं बना है और ना ही किसी तरह का कोई कैम्प लगा है। यदि प्रशासन और सरकार चाहे तो 2 दिन का कैम्प लगाकर वैक्सीनेशन कर दे तो बहुत हद कोरोना फैलने से रोका जा सकता है। वहीं वारियर्स के तौर पर जो लोग दुनिया छोड़ चुके है उन पर भी सरकार की निगाहें करम का भी इंतजार है।