भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दमोह (Damoh) में भाजपा (BJP) अपना प्रत्याशी (Candidate) किसे बनाएगी इसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा का बाजार गर्म हो चला है। 28 सीटों पर उप-चुनाव (By-election) के नतीजे आने के बाद अब दमोह में उप-चुनाव होना है। कांग्रेस (Congress) छोड़ भाजपा में आए राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) स्वाभाविक रूप से टिकट के दावेदार है। वही उनसे पिछला चुनाव हारे भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया (Jayant Malaiya) की दावेदारी ने पार्टी की परेशानी पर बल डाल दिया है।
मलैया को 650 वोट से हराया था लोधी ने
2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल लोधी कांग्रेस की तरफ से दमोह से उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले जयंत मलैया को महज 650 मतों से शिकस्त दी थी। मलैया की हार से भाजपा से बागी हुए पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया (Minister Ramkrishna Kusmariya) ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी, वह हज़ार के करीब काट ले गए थे।
लोधी को पचा नहीं पा रहे बीजेपी कार्यकर्ता
करीब 16 महीने तक कांग्रेस में रहे लोधी ने विधायकी से इस्तीफा देकर कुछ दिन पहले भाजपा का दामन थाम लिया है। लोधी ने जब भाजपा ज्वाइन की तब उप-चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका था। लिहाजा अब इस सीट के लिए अलग से चुनाव होना है। सूत्रों की मानें तो राहुल के भाजपा में अचानक आने से जिले के कई कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं। उनकी जरूरत पर ही सवाल उठा रहे हैं।
पार्टी की बढ़ सकती है मुश्किलें
जाहिर है कि राहुल इसी शर्त पर भाजपा में आए हैं कि उप-चुनाव में वही पार्टी की तरफ से प्रत्याशी होंगे। इससे पहले भी उप-चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से आने वाले सभी पूर्व कांग्रेस विधायकों को टिकट दिया था। जिस तरह मलिया समर्थक उनके विरोध में लामबंद हो रहे हैं। वे जयंत मलैया या उनके बेटे सिद्धार्थ में से किसी एक को टिकट की मांग कर रहे हैं। इससे पार्टी की दिक्कत बढ़ सकती है।
सर्वे की बात कर रहे नेता
सूत्रों की मानें तो हाल ही में दमोह गए पार्टी नेताओं ने जब इस मामले में मलैया समर्थकों से चर्चा की तो उनका कहना था कि पार्टी पहले किसी एक या दो एजेंसी से सर्वे करवा ले उसके बाद टिकट का निर्णय करें। ऐसे में टिकट को लेकर स्थिति उलट सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी यहां से तगड़ा प्रत्याशी तलाश रही है।