भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर प्रशासन और नगर निगम (Indore Administration and Municipal Corporation) द्वारा अतिक्रमण की कार्रवाई से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) कंप्युटर बाबा से बिना मिले दिल्ली रवाना हो गए है। आज दोपहर में उनकी सेंट्रल जेल में बाबा से मुलाकात होनी थी, लेकिन वे उनसे मिले बिना ही दिल्ली रवाना हो गए है। नतीजों से कुछ घंटों पहले दिग्विजय सिंह के दिल्ली दौरे से सियासी हलचल तेज हो गई है। इस दौरे के कई सियासी मयाने निकाले जा रहे है।
दरअसल, जिला प्रशासन (District Administration) ने रविवार को इंदौर जिले (Indore District) के हातोड़ तहसील के ग्राम जम्बूड़ी हब्सी में बड़ी कार्यवाही करते हुए सियासी संत नामदेव दास त्यागी (Namdev Das Tyagi) उर्फ कम्प्यूटर बाबा (Computer Baba) के अवैध आश्रम (Illegal Ashram) पर बुलडोजर चला दिया। वहीं प्रशासन की कार्यवाही में बाधा डालने पर कम्प्यूटर बाबा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उधर बाबा की गिरफ्तारी और अवैध निर्माण ढहाने की कार्यवाही पर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सरकार और प्रशासन को आलोचना करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
दिग्विजय जाने वाले थे बाबा से मिलने जेल
इसी सिलसिले में आज सोमवार दोपहर करीब 2 बजे दिग्विजय सिंह बाबा से मिलने इंदौर (Indore ) सेंट्रल जेल (Central jail) जाने वाले थे लेकिन आज दिग्विजय सिंह ने अपने इंदौर जाने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और अचानक दिल्ली (Delhi) से लिए रवाना हो गए है। मिली जानकारी की मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस (Congress) हाईकमान द्वारा बैठक बुलाई गई है, जिसमे शामिल होने के लिए दिग्विजय सिंह ने अपने इंदौर दौरे को टाल दिया और वो दिल्ली के लिए निकल गए।सुत्रों की माने तो 10November को मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP By-election 2020) के नतीजे आने है, जिसमें तय होगा कि मध्यप्रदेश में किसकी सरकार बनेगी, इसके कुछ घंटों पहले दिल्ली दौरे से सियासी हलचल तेज हो गई है। सुत्रों की माने तो दिल्ली में नतीजों के बाद की रणनीति को लेकर चर्चा की जा सकती है। ज्यादा सीटे आने पर कांग्रेस भी सरकार बनाने का दावा ठोक सकती है।
यह है पूरा मामला
दरअसल एक दिन पहले रविवार को इंदौर जिले के हातोड़ तहसील के ग्राम जम्बूड़ी हब्सी में कम्प्यूटर बाबा के आश्रम पर प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। प्रशासन के अफसरों का दावा है को बाबा के कब्जे से करीबन 80 करोड़ रुपए की जमीन को मुक्त करवाया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान व्यवधान पैदा करने पर बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था। प्रशासन ने करीब 3500 वर्ग फुट पर किए गए निर्माण को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया है। बाबा ने आश्रम और गौशाला के नाम पर वन विभाग की करीब 40 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया था।
दिग्विजय सिंह ने किया था ट्वीट
बाबा पर हुई कार्यवाही के चलते राजनीतिक माहौल भी गर्मा गया है। दिग्विजय सिंह ने इसे प्रतिशोध की राजनीति बताते हुए ट्वीट कर लिखा, “इंदौर में बदले की भावना से Computer बाबा का आश्रम व मंदिर बिना किसी नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनैतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूँ।”
गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा को 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार (Shivraj Government) में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, लेकिन 2018 विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से ठीक पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।इसके बाद विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था और शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला था। इसके बाद 15 सालों का वनवास काट सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार ने कंप्यूटर बाबा को तत्कालीन कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में नर्मदा-क्षिप्रा नदी न्यास का अध्यक्ष बनाया दिया था, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और विधायकों-मंत्रियों की बगावत के बाद 15 महिने में ही सरकार का पतन हो गया और बीजेपी ने सरकार बना ली थी।