भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पिछली कमलनाथ सरकार (Kamal Nath) में लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) के दौरान काले धन (Block Money) के इस्तेमाल के मामले में पड़े इनकम टैक्स रेड के दस्तावेजों में कांग्रेस के बड़े नेताओं के नाम सामने आने के बाद बवाल मच गया है। वही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब कमलनाथ के बचाव में उतर आए है और उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं।
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आज शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि CBDT और आयकर विभाग (Income Tax) ने गोपनीयता भंग की है। जानबूझकर लिस्ट लीक की गई है, इसकी जांच होना चाहिए। जो जांच करानी है करा लें, कांग्रेस (Congress) का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। हम जमीन से अदालत तक लड़ाई लड़ेंगे।
दिग्विजय ने कहा कि कमलनाथ की 15 महीने की सरकार(Kamal Nath Government) ने ई टेंडरिंग, व्यापम, सिंहस्थ कुंभ घोटालों की जांच शुरू करवाई थी, माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे। इससे भाजपा(BJP) डरी हुई थी, यही कारण है कि अब भाजपा सत्ता में आने के बाद उन अधिकारियों को निशाना बनाना चाहती है जो ई टेंडरिंग घोटाले (E Tendering scam) की जांच कर रहे थे।
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2013 में आयकर छापों के दौरान जिन भाजपा नेताओं और अधिकारियों के नाम सामने आए थे, उन्हें लेकर कांग्रेस ने सवाल किया कि उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कांग्रेस हर तरह की जांच का सामना करेगी, कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता किसी से डरने वाले नहीं हैं। ई टेंडरिंग की जांच करने वाले अधिकारियों को डराने के लिए भाजपा यह सब कर रही है।
दिग्विजय ने कहा कि दस्तावेजों में आईएएस नीरज वशिष्ठ (IAS Neeraj Vasistha) का नाम भी सामने आया है। वह अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के लिए लेनदेन का काम करते हैं। अन्य अफसरों के साथ नीरज की भी जांच होनी चाहिए।
वही पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए दिग्विजय ने कहा कि 2002 में गुजरात के सीएम को पैसा भेजा गया था, उस समय नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने बैठक में कहा था कि कमलनाथ सरकार को गिराना जरूरी था। वरना हम बर्बाद हो जाते। उन्होंने कुछ दिन पहले ही स्वीकार किया था कि कमलनाथ की सरकार प्रधानमंत्री मोदी ने गिराई है।