भोपाल। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा कर देश में सोशल मीडिया पर बढ़ती नफरत और आसमाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सोशल मीडिया पर एक ऐसी जमात मौजूद है जो उन लोगों को निशाने पर ले रही है जो ताकतवर राजनेताओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पुलवामा हमले के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में कश्मीर के छात्रों और आम लोगों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने लिखा है कि बीते 8 से 10 साल में देश के अंदर ऐसे लोगों का एक समूह तेजी से बढ़ा है, जो उन लोगों को टारगेट करता है जो ताकतवर नेताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं। यह चिंता की बात है इसलिए भी है। क्योंकि टारगेट होने वाले वह कश्मीरी छात्र हैं जो अन्य राज्यों में निवास कर रहे हैं। उन्होंने पात्र में लिखा कि पुलवामा हमले के बाद फेसबुक पर एक CTN- Clean The Nation नाम का एक पेज तैयार किया गया। इस अकाउंट से उन लोगों को निशाने पर लिया गया जिन्होंने पुलवामा हमले पर सरकार से सवाल किए। पुलवामा हमला पूरी तरह से खुफिया विभाग की नाकामी का नतीजा था। जिसमें सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने भी अपने एक बयान में इस हमले को कथित तौर पर इंटेलिजेस की नाकामी बताया था।
सीटीएन नाम के इस पेज पर कश्मीर के युवाओं को लेकर अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए काफी कुछ लिखा गया। जिसका नतीजा यह निकला कि देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे कश्मीरियों को हिंसा का सामना करना पड़ा । उन्हें पीटा गया, उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। उन्होंने लिखा कि देश में बीजेपी को मिली जीत के बाद आपने भाषण में कहा था कि हमने कश्मीर का भरोसा जीता है। लेकिन जो लोग कश्मीर के युवाओं को देशद्रोही कह रहे हैं उन्हें सोशल मीडिया पत्रकारिता नारद सम्मान से नवाज़ा जा रहा है।
CTN को पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पत्रकारिता के लिए पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम है सोशल मीडिया पत्रकारिता नारद सम्मान। मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मनमोहन वैद्य हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हैं। पुरस्कार देने वाली संस्था का नाम है इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र(IVSK)। यह आयोजन दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुआ। उन्होंने लिखा है मैंने इस मामलो को सदन में भी उठाया है। हमें जल्द ही इस मसले को लेकर एक कानून बनाना चाहिए, जिससे भारत में संचालित होने वाली सभी सोशल मीडिया साइट को नियंत्रित किया जा सके। और ऐसे लोगों को खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जो सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में नफरत और हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।