भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में अब सेंट्रल स्कूल (Central School) और नवोदय विद्यालयों (Navodaya Vidyalayas) की तर्ज पर पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) जल्द ही टिवनिंग अभियान चलाएगा।
दरअसल, इस अभियान के तहत जिलों में संचालित नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय के साथ बेहतर रिजल्ट देने वाले प्राइवेट स्कूलों को भी जोड़ा जाएगा। यह स्कूल बाकी सरकारी स्कूलों के मेंटर स्कूल के रूप में रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुए शिक्षा व्यवस्था (Education System) को पटरी पर लाने के लिए ये तैयारी की है।
राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रदेशभर के जिला परियोजना समन्वयकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि हर जिले के सभी जन शिक्षा केंद्र में ‘शाला सिद्धि’, ‘हमारी शाला ऐसी हो’ कार्यक्रम संचालित करने वाले 4 मिडिल स्कूल और 4 प्राइमरी स्कूल (Primary School) इस कार्यक्रम के तहत मेंटर स्कूल बनाए जाएंगे। इन मेंटर स्कूलों के साथ वह स्कूल जो शाला सिद्धि कार्यक्रम में शामिल नहीं है, वह लिंक शाला के रूप में मेंटर शालाओं के साथ जोड़ दिए जाएंगे।
मेंटर शालाओं और लिंक शालाओं के प्रिंसिपल और टीचर ट्वनिंग कार्यक्रम पर समझ बनाने के लिए बैठक करेंगे। मेंटल स्कूल के प्रिंसिपल प्रमुख रूप से इस बैठक में अपने स्कूलों के श्रेष्ठ कार्य को सबके सामने रखेंगे और लिंक शालाओं को अपने स्कूलों के भ्रमण के लिए आमंत्रित करने के लिए तारीख के मुताबिक कार्यक्रम तय करेंगे। बैठक में सीखने सिखाने की प्रक्रिया में क्या कठिनाइयां और उपलब्धियां, उनका निराकरण, शिक्षकों के शिक्षकीय कौशल, दक्षताओं स्थिति और सुधार, बच्चों में नियमित रूप से पढ़ने की आदत कैसे बनाई जाए और शैक्षणिक सामग्री का स्रोत क्या हो सकता है इन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी।