जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (shivraj government) भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मुहिम चला रही है। वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला प्राचार्य (priniple) को सस्पेंड (suspend) कर दिया गया है। महिला प्राचार्य पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को सहयोग नहीं किया जा रहा है।
दरअसल मध्य प्रदेश के जबलपुर (jabalpur) जिले में लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की महिला कर्मचारी वीणा बाजपेई (veena vajapyee) को सस्पेंड कर दिया गया है। महिला प्राचार्य पर फर्जी वित्तीय अनियमितताओं सहित संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और जिला शिक्षा अधिकारियों को सहयोग नहीं किए जाने के आरोप लगाए गए है।
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इस मामले में कर्मचारी संघ का कहना है महिला प्राचार्य वीणा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रही थी। जिस पर उन्हें अधिकारियों ने मिलजुल कर सस्पेंड किया है। बता दें कि बीते दिनों आरटीई के अंतर्गत अशासकीय स्कूल को फीस पूर्ति में लाखों की अनियमितता की जांच की गई थी। जिसमें निजी स्कूलों को दी जाने वाली 25% की राशि के नाम पर फर्जी गोलमाल कर लंबित शिकायतों की जांच रिपोर्ट तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में कई लोगों के दोषी होने की जानकारी सामने आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक 270 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई थी।
जिसे संयुक्त संचालक शिक्षा को भेजा गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक जिला शिक्षा केंद्र के जबलपुर जिला परियोजना समन्वयक आरपी चतुर्वेदी के विरुद्ध आरोप लगाए गए। आरोपों में 8 पूर्ण रुप से और एक आंशिक प्रमाणित किया गया था। जिसके बाद अधिकारियों द्वारा इस प्रकरण में चतुर्वेदी को दोषी बनाया गया था।
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वहीं आरोप है कि संयुक्त संचालक शिक्षा राजेश तिवारी ने डीपीसी चतुर्वेदी को बचाने के लिए आला अधिकारी के साथ मिलकर महिला प्राचार्य को निलंबित करवाया है।इससे पहले शिक्षा विभाग के प्रभारी संयुक्त संचालक राजेश तिवारी द्वारा महिला प्राचार्य वीणा वाजपेई को धमकाया जा रहा है। महिला प्राचार्य को धमकाने के साथ साथ उन पर कार्यालय में आकर अधिकारियों के अनुसार जांच रिपोर्ट में सुधार करने के लिए उनपर दवाब बनाया जा रहा था।