मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सख्त हुई पुलिस, ग्वालियर में सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहित 11 के खिलाफ एफआईआर

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm sivraj singh chauhan) और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) के द्वारा दो दिन पहले चिटफंड कंपनियों के मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश के बाद पुलिस अब सख्त हो गई है। ग्वालियर के मुरार थाने में सहारा कंपनी के प्रमुख सुब्रतो राय, उनकी पत्नी स्वप्ना राय, उनके भाई जे.बी. राय सहित कंपनी के आला अधिकारी ओपी श्रीवास्तव, बी.के.श्रीवास्तव सहित 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल ग्वालियर की हरी ओम कॉलोनी में रहने वाले राजीव सिंह भदौरिया ने एक आवेदन पत्र मुरार थाने में दिया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि वह ग्वालियर के निवासी होकर झांसी में सीनियर कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक्स के पद पर जिला अस्पताल झांसी में तैनात हैं ।राजीव ने खुद और अपनी पत्नी सुनीता राठौर के नाम से सहारा इंडिया परिवार (Sahara India pariwar) के बॉन्ड सहारा बाय सिलेक्ट प्लान के अंतर्गत निवेश किया था जिसकी परिपक्वता अवधि 7 नवंबर 2018 थी और उन्हें कुल 1577230 रूपये मिलने थे। लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया और कंपनी के लखनऊ और भोपाल स्थित कार्यालय में जब संपर्क किया गया तब भी कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद मामला उपभोक्ता फोरम ग्वालियर के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें उपभोक्ता फोरम ने 22 जुलाई 2019 को सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी को आदेशित किया कि एक महीने के भीतर प्रार्थी गण को उसके परिपक्वता राशि का भुगतान किया जाए। इस पर 8% वार्षिक ब्याज की राशि का भी भुगतान करना था। बावजूद इसके कंपनी द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और पुन: उपभोक्ता फोरम ग्वालियर के समक्ष जब मामला पेश हुआ तब भी कंपनी टालमटोल की बातें ही करती रही। इतना ही नहीं, स्थानीय अधिकारी प्रार्थी से 15% कमीशन की राशि भी मागते रहे। प्रार्थी के द्वारा इस बात की शिकायत सहारा प्रबंधन के उच्च स्तर पर भी करने पर राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसपर प्रार्थी ने मुरार थाने में सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रतो राय, उनकी पत्नी स्वप्ना राय, भाई जयव्रत राय, ओ पी श्रीवास्तव, वीके श्रीवास्तव सहित 11 लोगों के खिलाफ धारा 420, 409 और मध्यप्रदेश निक्षेपको के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपीगणों की तलाश तेजी से जारी है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News