नर्मदापुरम, डेस्क रिपोर्ट। नर्मदापुरम (narmadapuram) जिले में नर्सरी तैयार करने के के लिए आदिवासी मजदूरों (tribal laborers) को नियत दर से कम मजदूरी देने का मामला सामने आया है। वन विभाग (forest department) के ही एक सेवानिवृत्त अधिकारी (retirement Officer) ने इस मामले की शिकायत विभाग के शिकायत और सतर्कता विभाग को की है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री लगातार वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं और खुद उस पर अमल भी कर रहे हैं। पिछले साल भर से मुख्यमंत्री रोजाना एक पौधा लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने पूरे प्रदेश भर मे लोगो से वृक्षारोपण कार्य तेजी से करने का आह्वान भी किया है। आगामी वर्षा ऋतु में पौधों की उपलब्धता हो सके₩, इसके लिए सामाजिक वानिकी के माध्यम से वन विभाग पौधे तैयार करवा रहा है। ऐसे में बैतूल जिले की सामाजिक वानिकी द्वारा नर्मदापुरम के सुखतवा के पास हिरणचापङा और धार बैरियर में लाखों पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
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विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी मधुकर चतुर्वेदी ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिकायत और सतर्कता को एक पत्र भेजकर शिकायत की है कि सामाजिक वानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा इन नर्सरीयो में आदिवासी मजदूरों को प्रति 100 पॉलिथीन बैग भराई के मात्र 75 रू दिए जा रहे हैं जबकि नियमानुसार उन्हें 185.90 रू दिए जाने चाहिए। इस तरह नर्सरी में ढाई लाख पौधे बैग भराई में मजदूरों को लगभग तीन लाख रू की कम मजदूरी बांटी गई है।
इसके साथ ही इन बैगों में कम मात्रा में गोबर खाद मिलाए जा रहा है जबकि कागजों में क्रय की मात्रा ज्यादा दिखाई गई है। मधुकर चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि कि नर्सरियो में आदिवासी मजदूरों का शोषण किया जा रहा है जिसकी जांच भोपाल के किसी उच्च अधिकारी या नर्मदा पुरम के DFO से कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस पूरे मामले में वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद है।