बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमवार को बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव एक प्रश्न के जवाब में बोले थे कि ‘ब्राह्मण और बनिये हमारी जेब में है।’ इसके आगे राव कुछ कह पाते, पत्रकार ने दूसरा सवाल दाग दिया और राव का जवाब अधूरा रह गया। इस अधूरे जवाब पर सियासी संग्राम छिड़ गया और कांग्रेस ने इसे बीजेपी द्वारा ब्राह्मणों और बनियों का अपमान बता दिया। अब बीजेपी के नेता और प्रसिद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन ने एक कविता लिखी है और इस कविता के जरिए उन्होंने मुरलीधर राव को आड़े हाथों लिया है। इस कविता में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय तक को याद किया है, जो ब्राह्मण थे। सत्यनारायण सत्तन ने ‘मुरली की धुन’ शीर्षक से कविता लिखी है –
ब्राह्मणों ओर बनियों को ज़ेब में लिये फिरते,
भाजपा के महासचिव मुरलीधर राव जी।
नड्डा ने तो गड्ढा खोदा हिमाचल में,
आप किस बूते पर दिखा रहे ताव जी।
ब्राह्मण अटल जी ने भाजपा को अटल किया,
एक वोट तक का नहीं किया भाव-ताव जी।
अपनी जेब में चाहे जितना भी भरो आप,
लेकिन भाजपा की डुबावो मत नाव जी।
मुखर्जी और उपाध्याय दोनों ही ब्राह्मण थे,
आप की जेब में वो दोनों ही समा गये।
मोदी की गोदी में महा सचिव बने आप
शिवराज की मेहनत धूल में मिला गये।
भारी भरकम पाकिट में जो अहंकार भरा,
उसी अहंकार के गड्ढे में रमा गये।
भाजपा को जनता ने सम्मान सौंपा था,
आप उस मान को मिट्टी में मिला गए।